महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम घटनाक्रम सामने आया है. बीजेपी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन के भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के नेता प्रकाश महाजन ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शिंदे गुट में शामिल होने का फैसला किया है. यह राजनीतिक बदलाव उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में हुआ, जिसे एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.
प्रकाश महाजन इससे पहले राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से जुड़े थे और प्रदेश की राजनीति में उनका एक अलग स्थान था. उनके शिवसेना शिंदे गुट में शामिल होने से महाराष्ट्र की राजनीति में नए इक्वेशन बनने की संभावना बढ़ गई है.
यह कदम शिंदे नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए मजबूती का कारण माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय जब पार्टी विभिन्न राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही है.
प्रकाश महाजन का राजनीतिक इतिहास उनके परिवार से गहराई से जुड़ा हुआ है. वे प्रमोद महाजन के छोटे भाई हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के एक प्रभावशाली नेता थे और महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी अच्छी पहचान थी.
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प्रमोद महाजन के निधन के बाद भी उनका परिवार राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है, और अब प्रकाश महाजन का यह बड़ा कदम इस परिवार की राजनीतिक सक्रियता को फिर से स्थापित करता नजर आता है.
पार्टी में शामिल होने के बाद प्रमोद महाजन ने कहा कि महाराष्ट्र में ढाई वर्षों तक जब जातिवाद की आग भड़की हुई थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उसे कुशलतापूर्वक संभाला. मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि के माध्यम से हजारों मरीजों को बिना किसी प्रचार-प्रसार के शांतिपूर्वक रोगमुक्त करने का कार्य शिंदे ने किया. यही उनकी महानता है. शिंदे द्वारा किया गया काम जनता कभी नहीं भूलेगी.
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व पर काम करने की इच्छा के कारण ही उन्होंने आज शिवसेना जॉइन की है. महाराष्ट्र में कई मुख्यमंत्री हुए जो घर बैठे रहे, परीक्षा में बैठे बिना ही प्रथम आए, लेकिन एकनाथ शिंदे इसका अपवाद रहे. वे परीक्षा में भी बैठे और प्रथम भी आए.
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रकाश महाजन का शिंदे गुट में शामिल होना शिवसेना के लिए न केवल संगठनात्मक मजबूती देगा, बल्कि आगामी चुनावों में भी यह दल की रणनीति को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, अभी इस बारे में कोई डिटेल स्ट्रैटेजी या प्रकाश महाजन की भविष्य की भूमिका साफ नहीं हुई है. इसके बावजूद, महाराष्ट्र की राजनीति पर इस कदम का असर लंबे समय तक महत्वपूर्ण होगा और आने वाले दिनों में इसका प्रभाव साफ़ होगा.