नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सत्ता, संपत्ति, ज्ञान और सौंदर्य से व्यक्ति अहंकारी हो जाता है. उन्होंने कहा कि जब किसी व्यक्ति को ये चार चीजें मिल जाती हैं, तो उसमें अक्सर अहंकार आ जाता है. ऐसा व्यक्ति खुद को बहुत बड़ा समझने लगता है और फिर वह अपनी मर्जी दूसरों पर थोपने की कोशिश करता है. गडकरी ने स्पष्ट कहा कि इससे कोई बड़ा नहीं बनता.
कार्यक्रम में अपने संसदीय चुनाव अभियान का ज़िक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि मैं तीसरी बार सांसद चुना गया हूं, इस बार मैंने तय किया था कि न तो कोई पोस्टर-बैनर लगाऊंगा, न किसी को खाना खिलाऊंगा और न ही जात-पात की राजनीति करूंगा. जिसने वोट देना है दे, वरना मत दो. मैं अपने उसूलों से समझौता नहीं करूंगा.
शिक्षा विभाग पर भी साधा निशाना
नितिन गडकरी ने शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति हो या अप्रूवल, इसके लिए रिश्वत देनी पड़ती है. शिक्षा विभाग के अधिकारी क्या- क्या करते मुझे सब मालूम है, पहले पैसा मांगते हैं फिर वही अधिकारी जेल जाते हैं.
समस्या को अवसर में बदलने की सीख
कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि लोग उनसे अक्सर पूछते हैं कि इतने भ्रष्ट तंत्र में सड़कें कैसे बन जाती हैं? इस पर उनका जवाब होता है कि कुछ लोग समस्या को अवसर में बदलते हैं और कुछ लोग अवसर को भी समस्या बना देते हैं.
अफसरों को कराया जिम्मेदारी का अहसास
गडकरी ने अफसरों को जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए कहा कि जब तुम्हें नौकरी मिली है, तो ये तुम्हारी परीक्षा है. तुम गधे को घोड़ा बना सकते हो या नहीं, ये बताओ. यह मत कहो कि यह तो गधा है, इसे सुधारा नहीं जा सकता. अरे सुधर नही सकता, इसलिए तो तुम्हें बुलाया गया है.