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महाराष्ट्र निकाय चुनाव में परिवारवाद का दबदबा कायम... नेताओं के रिश्तेदारों ने भी जीती सीटें

महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी की बड़ी जीत के बीच एक नया राजनीतिक चलन सामने आया है. 'एक व्यक्ति एक पद' का फॉर्मूला अब पुराना पड़ता दिख रहा है, क्योंकि कार्यकर्ताओं की जगह अब नेताओं के रिश्तेदारों का दबदबा बढ़ गया है. बीजेपी, शिंदे सेना और एनसीपी के मंत्रियों-विधायकों के परिवार वालों ने चुनावी मैदान में उतरकर शानदार जीत दर्ज की है.

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महाराष्ट्र निकाय चुनाव में महायुति की शानदार जीत.(File Photo: PTI)
महाराष्ट्र निकाय चुनाव में महायुति की शानदार जीत.(File Photo: PTI)

महाराष्ट्र के नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में महायुति गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन इन परिणामों की सबसे बड़ी खासियत ये रही कि कई सीटों पर जीत नेताओं के रिश्तेदारों के खाते में गईं. एक व्यक्ति एक पद का पुराना फॉर्मूला अब कमजोर पड़ता नजर आ रहा है. कार्यकर्ताओं का चुनाव अब नेताओं के परिवार का चुनाव बन गया है. सभी दलों- भाजपा, शिवसेना (शिंदे), एनसीपी (अजित पवार) और यहां तक कि कुछ अन्य के नेताओं ने अपने परिजनों को मैदान में उतारा और कई ने जीत भी हासिल की. हालांकि, कुछ को किस्मत का साथ नहीं मिला.

खास तौर पर बीजेपी के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों और विधायकों के परिवारों से उम्मीदवार चुने गए और उन्होंने नगर अध्यक्ष या पार्षद पद पर कब्जा जमाया. शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार की एनसीपी भी इस मामले में पीछे नहीं है. जीत का जज्बा इतना प्रबल था कि उम्मीदवार की तलाश करते-करते कई नेताओं की नजर अपने घर पर ही ठहर गई.

कहां से किस नेता के रिश्तेदार ने जीता चुनाव

  • भाजपा के मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन जामनेर में नगर अध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध चुनी गईं.
  • भाजपा विधायक मंगेश चव्हाण की पत्नी प्रतिभा चव्हाण चाळीसगाव से जीत हासिल की.
  • भाजपा मंत्री जयकुमार रावल की मां नयनकुंवर रावल दोंडाईचा से निर्विरोध नगर अध्यक्ष चुनी गईं.
  • भाजपा मंत्री आकाश फुंडकर की भाभी अपर्णा फुंडकर खामगाव से जीत गईं.
  • दर्यापुर से भाजपा विधायक प्रकाश भारसाकळे की भाभी मंदाकिनी भारसाकले जीत हासिल की.
  • भाजपा विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के भाई मिलन कल्याणशेट्टी अक्कलकोट से आगे चल रहे हैं.
  • भाजपा विधायक प्रताप अडसड की बहन अर्चना रोठे धामणगाव से जीत गईं.
  • भाजपा विधायक हरिश पिंपले के भाई भूपेंद्र पिंपळे मूर्तिजापुर से जीते.
  • भाजपा विधायक अमरीश पटेल के बेटे चिंतन पटेल शिरपूर से जीत गए.
  • बुलढाणा से शिवसेना (शिंदे) विधायक संजय गायकवाड की पत्नी पूजा गायकवाड चुनाव जीत गईं.
  • साकोली से भाजपा के पूर्व विधायक रामकृष्ण कापगते की बहू देवश्री कापगते ने जीत दर्ज की.
  • पाचोरा से शिवसेना (शिंदे) विधायक किशोर पाटील की पत्नी सुनीता पाटील नगर अध्यक्ष पद जीत गईं.
  • नंदुरबार से शिवसेना (शिंदे) विधायक चंद्रकांत रघुवंशी की पत्नी रत्ना रघुवंशी ने भी जीत हासिल की.
  • सिल्लोड से शिवसेना (शिंदे) विधायक अब्दुल सत्तार के बेटे समीर सत्तार जीते.
  • संगमनेर से निर्दलीय विधायक सत्यजीत तांबे की पत्नी मैथिली तांबे ने नगर अध्यक्ष पद जीता. (सत्यजीत तांबे कांग्रेस के दिग्गज नेता बालासाहेब थोरात के भांजे हैं)
  • पूर्व विधायक और भाजपा नेता राजन पाटील की बहू प्राजक्ता पाटील ने सोलापूर के अंगार नगर पंचायत चुनाव में जीत दर्ज की.
  • एनसीपी (अजित पवार) मंत्री इंद्रनील नाईक की पत्नी मोहिनी नाईक पुसद में आगे चल रही हैं.

ये परिणाम दिखाते हैं कि स्थानीय निकाय चुनावों में एक व्यक्ति एक पद की नीति अब सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है. नेताओं के परिजनों को टिकट देना और उनकी जीत से पार्टी के अंदर कार्यकर्ताओं में असंतोष भी पैदा हो सकता है, क्योंकि कई मेहनती कार्यकर्ता मैदान से बाहर रह गए.

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