महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को 9 गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए, जिनका खर्च 5 लाख रुपये से अधिक है, राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के रिजर्व फंड के उपयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी. यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, 'महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना' और 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' के तहत अब 20% क्लेम सेटलमेंट को स्टेट हेल्थ एश्योरेंस सोसायटी (SHAS) द्वारा मैनेज किए जाने वाले रिजर्व फंड में ट्रांसफर किया जाएगा.
इस फंड का उपयोग लीवर, लंग्स, हार्ट और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज के लिए किया जाएगा, जो वर्तमान में 5 लाख रुपये की सीमा के तहत कवर नहीं हैं. राज्य सरकार लीवर ट्रांसप्लांट के लिए 22 लाख रुपये, लंग्स या हार्ट-लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए 20 लाख रुपये, हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए 15 लाख रुपये, बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए 9.5 से 17 लाख रुपये, और ट्रांस-कैथेटर एओर्टिक वाल्व ट्रांसप्लांट (TAVI) और ट्रांस-कैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (TMVR) के लिए 10 लाख रुपये का खर्च वहन करेगी.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में भारी बारिश का कहर...7 की मौत, 10 घायल, CM ने 2215 करोड़ के मुआवजे का किया ऐलान
डॉक्टरों के लिए इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी
महाराष्ट्र कैबिनेट ने सरकारी अस्पतालों में इन उपचारों में शामिल डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन भत्तों में संशोधन को भी मंजूरी दी. सर्जिकल रेट, फंड यूटिलाइजेशन और अस्पतालों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की निगरानी के लिए स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक स्पेशल कमिटी का गठन किया जाएगा. इसके अलावा मंत्रिमंडल ने 116.15 किमी नागपुर-नागभीड़ नैरो-गेज लाइन को ब्रॉड-गेज ट्रैक में बदलने के लिए राज्य के हिस्से के रूप में 491.05 करोड़ रुपये को मंजूरी दी. 2,383 करोड़ रुपये की इस परियोजना को महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MRIDC) द्वारा बनाया जा रहा है, जो लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है.
नागपुर-नागभीड़ ट्रैक के लिए फंड मंजूर
इस प्रोजेक्ट के संशोधित योजना के साथ, राज्य का हिस्सा 20 प्रतिशत से बढ़कर 32.37 प्रतिशत हो गया है. नागपुर-नागभीड़ ब्रॉड-गेज रेल ट्रैक के लिए कुल 771.05 करोड़ रुपये में से, राज्य सरकार ने पहले ही 280 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. बचे 491.05 करोड़ रुपये को अब मंजूरी मिल गई है. यह परियोजना नागपुर, गोंदिया, चंद्रपुर और गडचिरोली जिलों में रेल कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार करेगी, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देगी और किसानों को लाभ पहुंचाएगी. यह रेल लाइन नागभीड़ को वडसा-देसाईगंज और आगे गडचिरोली और गोंदिया से जोड़ेगी.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का X अकाउंट हैक, हैकर्स ने PAK और तुर्की के झंडे किए पोस्ट
अस्पताल के लिए जमीन आवंटन मंजूर
मंत्रिमंडल ने पालघर जिले के अचोले में वसई-विरार सिटी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित करने के लिए जमीन आवंटन को भी मंजूरी दी. यह भूखंड पहले जिला अदालत और आवासीय उद्देश्यों के लिए आरक्षित था, लेकिन शहर की तेजी से बढ़ती आबादी और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए इसे स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के लिए पुनः आवंटित किया गया. जमीन को इस शर्त के साथ सौंपा गया है कि इसका उपयोग केवल अस्पताल बनाने के लिए किया जाएगा और इसे अतिक्रमण से बचाया जाएगा. मंत्रिमंडल ने नासिक जिले के देओलाली में 1,055.25 वर्ग मीटर जमीन को रियायती दर पर महाराष्ट्र साहित्य परिषद की नासिक रोड शाखा को आवंटित करने का भी निर्णय लिया.
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के माध्यम से अंधेरी (पश्चिम) में सरदार वल्लभभाई पटेल (SVP) नगर में लगभग 4,973 आवासीय इकाइयों के सामूहिक पुनर्विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. 1993 में विश्व बैंक परियोजना के तहत आवंटित इन भूखंडों में वर्तमान में 98 सहकारी आवास समितियां, 24 उच्च आय वर्ग के अपार्टमेंट और कई व्यक्तिगत भूखंड हैं. मंत्रिमंडल ने अकोला में सिटी बस स्टैंड, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और सब्जी मंडी के निर्माण के लिए जमीन आवंटन को भी मंजूरी दी. इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने मोजे कुंभारी में महिला बीड़ी कामगारों के लिए आवास परियोजना बनाने वाली सहकारी मीनाक्षीताई साने महिला बीड़ी कामगार हाउसिंग सोसाइटी के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट दी. इसके तहत 6.30 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी और 2.62 करोड़ रुपये के रजिस्ट्रेशन फीस को माफ किया गया.