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गोवा में जमीन हड़पने के मामले में ED का बड़ा एक्शन, 212 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच

पीएमएलए जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने कीमती अचल संपत्तियों पर फर्जी दावे प्रस्तुत करने और उन्हें वैध संपत्ति के रूप में दिखाने के लिए जाली वंशावली अभिलेख, मनगढ़ंत बिक्री दस्तावेज, फर्जी वसीयतें, छेड़छाड़ किए गए राजस्व रिकॉर्ड और अन्य फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया.

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 जमीन हड़पने का आरोपी रोहन न्यायिक हिरासत में है (Photo: ITG)
जमीन हड़पने का आरोपी रोहन न्यायिक हिरासत में है (Photo: ITG)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पणजी ज़ोनल यूनिट ने गोवा में ज़मीन कब्जा और धोखाधड़ी के एक मामले में 212.85 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है.ये कार्रवाई 28 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई. जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, वे गोवा के प्रमुख इलाकों जैसे- अंजुना, रेवोरा, नाडोरा, कैमुरलिम, पर्रा और बारदेज़ तालुका और मापसा शहर में स्थित हैं.

ये कार्रवाई रोहन हरमलकर और उसके साथियों द्वारा चलाए जा रहे संगठित आपराधिक गिरोह की करतूतों की जांच के तहत हुई है. इस गिरोह पर जाली दस्तावेज़ों, नकली वसीयतों और फर्जी वंशावली के ज़रिए बहुमूल्य ज़मीनों पर कब्जा करने का आरोप है. ईडी ने यह जांच गोवा पुलिस की ओर से दर्ज की गई 2 FIR के आधार पर शुरू की थी. 

जांच में सामने आया है कि आरोपी गिरोह ने फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर ज़मीनों का अवैध कब्जा कर उन्हें वैध दिखाने की साज़िश रची. इन ज़मीनों से जो अवैध कमाई हुई, उसे बैंक खातों और परिजनों के ज़रिए इधर-उधर घुमा कर वैध दिखाने की कोशिश की गई.

पीएमएलए जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने कीमती अचल संपत्तियों पर फर्जी दावे प्रस्तुत करने और उन्हें वैध संपत्ति के रूप में दिखाने के लिए जाली वंशावली अभिलेख, मनगढ़ंत बिक्री दस्तावेज, फर्जी वसीयतें, छेड़छाड़ किए गए राजस्व रिकॉर्ड और अन्य फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया. इनके ज़रिए उन्होंने पीएमएलए की धारा 2(1)(यू) के अंतर्गत परिभाषित अपराध से अर्जित संपत्ति (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम-POC) की बड़ी मात्रा हासिल की.

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पीओसी (अपराध से अर्जित संपत्ति) का एक हिस्सा सीधे रोहन हरमलकर, अलकांत्रो डिसूजा और अन्य व्यक्तियों को प्राप्त हुआ, जिसे बाद में उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के बैंक खातों के माध्यम से आगे स्थानांतरित किया गया. इस तरह अवैध रूप से अर्जित धन को प्रमुख षड्यंत्रकारियों और उनके परिजनों के खातों में डालकर, लेन-देन कर ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में प्रस्तुत करने की कोशिश की गई.

अब तक 212.85 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियों की पहचान कर उन्हें अटैच किया जा चुका है. ईडी अब बाकी की काली कमाई की भी पहचान कर उसे जब्त करने की दिशा में काम कर रही है. माना जा रहा है कि कुल राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है. मुख्य आरोपी रोहन हरमलकर को 3 जून 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

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