महाराष्ट्र की राजनीति अक्सर चर्चाओं में रहती है. कभी शिवसेना तो कभी एनसीपी के दो फाड़ होने का मामला लगातार सुर्खियों में रहा है. इस बीच अब महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार में तकरार नजर आने लगी है. कारण, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार को पत्र लिखकर नवाब मलिक को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि नवाब मलिक पर आरोप लग रहे हैं और उन्हें सत्तारूढ़ गठबंधन 'महायुति' में शामिल करना सही नहीं होगा.
दरअसल, कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर बाहर आए महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता नवाब मलिक 7 दिसंबर को पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र में शामिल हुए. नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधान भवन परिसर में वह अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के सदस्यों के बगल में पिछली पंक्ति की बेंचों पर बैठे नजर आए. इससे पहले 64 वर्षीय नवाब मलिक का अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नेता अनिल पाटिल ने गर्मजोशी से स्वागत किया था.
अब इसको लेकर देवेंद्र फडणवीस ने ऐतराज जताया है. उन्होंने अजित पवार को पत्र लिखकर कहा, "सत्ता आती-जाती रहती है लेकिन देश महत्वपूर्ण है। अगर उन पर (नवाब मलिक) लगे आरोप साबित नहीं हुए तो हमें उनका स्वागत करना चाहिए. लेकिन हमारी स्पष्ट राय है कि जब उन पर ऐसे आरोप हैं तो उन्हें अपने गठबंधन का हिस्सा बनाना सही नहीं है."
अजित पवार गुट बोला- हम नवाब मलिक के साथ
पत्र के बाद अजित पवार गुट की प्रतिक्रिया आई है. अजित पवार के प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने कहा कि वे लोग नवाब मलिक का समर्थन करते हैं. कहा गया है कि ये उनकी पार्टी की इच्छा है. प्रवक्ता आगे बोले कि किसी को कोर्ट की तरफ से गलत बताए जाने से पहले देशद्रोही या दोषी बताना ठीक नहीं. अजित गुट ने साफ कहा है कि वे नवाब मलिक के साथ हैं.
कौन हैं नवाब मलिक?
महा विकास अघाड़ी सरकार में एनसीपी कोटे से मंत्री रहे नवाब मलिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका पूरा परिवार 1970 में यूपी से मुंबई में शिफ्ट हो गया था. उन्होंने अपना सियासी सफर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के साथ से शुरू किया. बाद में शरद पवार की टीम में शामिल हो गए. एनसीपी में संगठन स्तर पर काम किया. नवाब मलिक पांच बार से विधायक हैं. मलिक ने महाराष्ट्र के मुस्लिम बाहुल नेहरू नगर सीट से 1996 में उपचुनाव में सपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. मुलायम के करीबी नेताओं में गिने जाने लगे. 1999 के विधानसभा चुनाव में दोबारा सपा के टिकट पर नेहरू नगर सीट से जीत हासिल की.
2004 में शरद पवार की एनसीपी में एंट्री
2004 में मलिक ने शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए और नेहरू नगर सीट से जीत की हैट्रिक लगाई. 2009 के विधानसभा चुनाव में परिसीमन के बाद मलिक ने अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार विधायक बने. 2014 के चुनाव में अणुशक्तिनगर सीट से शिवसेना के उम्मीदवार ने मामूली वोटों से हरा दिया था. 2019 के चुनाव में मलिक ने फिर चुनाव लड़ा और पांचवी बार विधायक बने. 2020 में वो एनसीपी मुंबई के अध्यक्ष भी बने. उन्हें एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बेहद करीबी माना जाता है.