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इंसानियत की मिसाल, हत्यारे की बेटी को पुलिस अफसर बनाएगा यह अधिकारी

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने कहा कि रोशनी से जब बात की तो उसने पुलिस में जाने की इच्छा जाहिर की. इसलिए मैं भी चाहता हूं कि रोशनी पुलिस अफसर बने. उसके सपने को पूरा करने का प्रयास करेंगे.

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जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह (फोटो-IANS)
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह (फोटो-IANS)

आमतौर पर खाकी वर्दी वालों को कड़क मिजाज और रूखे स्वभाव का माना जाता है, मगर उनके दिल में भी भावनाओं का ज्वार होता है. इसका प्रमाण हैं जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह, जिन्होंने एक हत्यारे की बेटी के पुलिस अफसर बनने के सपने को पूरा करने की ठानी है. अमित सिंह इस 7 वर्षीय बच्ची की पढ़ाई का खर्च तो उठाएंगे, साथ ही उसे सप्ताह में एक दिन अपने आवास पर भी रखेंगे.

अमित सिंह की इस पहल की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. तस्वीर में वर्दीधारी पुलिस अधीक्षक सिंह और उनकी टेबल पर बैठी एक मासूम रोशनी (काल्पनिक नाम) नजर आ रही है. यह तस्वीर एक पुलिस अफसर की दरियादिली की कहानी कह रही है. रोशनी के पिता अज्जू यादव ने शराब के नशे में अपनी डेढ़ साल की मासूम बेटी की 20 जुलाई को जमीन पर पटककर हत्या कर दी थी. इस घटना को घटित होते हुए रोशनी ने अपनी आंखों से देखा था.

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पुलिस ने जब मासूम की हत्या की तहकीकात की. इस दौरान पुलिस अधीक्षक सिंह की रोशनी से बात हुई तो उसने सारी हकीकत बयां कर दी. रोशनी की मां इन दिनों अस्पताल में है और पिता जेल में है. वहीं रोशनी को नारी निकेतन में रखा गया है. एक मासूम के नारी निकेतन जाने का घटनाक्रम पुलिस अधीक्षक के दिल को छू गया.

अमित सिंह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि उन्होंने तय किया है कि बच्ची की शिक्षा का खर्च वह उठाएंगे, साथ ही सप्ताह में एक दिन रोशनी को अपने आवास पर परिवार के साथ रखेंगे. जानकारी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक के दो बच्चे हैं.

अमित सिंह ने कहा, 'रोशनी से जब बात की तो उसने पुलिस में जाने की इच्छा जाहिर की. इसलिए मैं भी चाहता हूं कि रोशनी पुलिस अफसर बने. उसके सपने को पूरा करने का प्रयास करेंगे. रोशनी सप्ताह में एक दिन मेरे परिवार के साथ बिताकर सहज तो होगी ही साथ में वह एक पुलिस अफसर के परिवार को करीब से समझ सकेगी. उसे इससे प्रेरणा भी मिलेगी.'

सिंह ने रोशनी के प्रति आकर्षण की वजह बताई. उन्होंने कहा, 'जब रोशनी से बात की तो उसके जवाब प्रभावित करने वाले थे. वह सामान्य बच्चों से कुछ अलग है. उसके भीतर पुलिस विभाग में जाने की इच्छा है, लिहाजा मैंने उसकी मदद करने का फैसला किया.'

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