झारखंड के एक शख्स ने रक्तदान का शतक पूरा कर लिया है. खास बात यह है कि ऐसा करने वाला वह सबसे युवा रक्तवीर है. रक्तदाता क्रांति कुमार ने जमशेदपुर के इतिहास में पहली बार हर 90 दिनों के अंतराल में रक्तदान करके सबसे युवा शतकवीर होने की अनोखी मिसाल पेश की है.
जमशेदपुर के बारीडीह के रहने वाले क्रांति कुमार वर्तमान में अपने काम के सिलसिले में खड़गपुर में रह रहे हैं. हालांकि, वह हर तीन महीने में जमशेदपुर ब्लड सेंटर पहुंचकर स्वैच्छिक रक्तदान करते रहे हैं. उनके परिवार में पिता आरएनपी सिन्हा, माता सुभिधा देवी, धर्मपत्नी आरती, बेटी आराध्या और सृष्टि के साथ ही एक भाई और एक बहन भी है.
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अप्रैल 1997 से शुरू किया था ब्लड डोनेशन
क्रांति कुमार ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले 12 अप्रैल 1997 को 18 साल 4 महीने 12 दिन की उम्र में रक्तदान किया था. इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. 24 साल 9 महीने और 3 दिन की उम्र में 25वां, 32 साल 5 महिने 22 दिन में 50वां रक्तदान पूरा किया. क्रांति कुमार ने 38 साल 11 महीने 2 दिन में 75वीं बार रक्तदान किया गया था. आज शतकीय पारी भी पूरी कर ली.
इस तरह से पूरे रक्तदान के शतकीय पारी पूरा करने में उन्हें 27 साल 2 महिना और 16 दिनों का समय लगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्रांति जी स्वभाव से मृदुभाषी और व्यवहार कुशल हैं. उन्होंने बताया कि रक्तदान की यह शतकीय पारी उन्होंने स्वेच्छा से पूरी की है.
आज 100वां स्वैच्छिक रक्तदान करने के बाद क्रांति को जमशेदपुर ब्लड सेंटर और प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन की और से पुष्पगुच्छ, शाॅल ओढ़ाकर, शतकीय मेमेटों, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. उन्होंने हर रक्तदान की तारीख, समय, उम्र, महीना, दिन, ब्लड यूनिट नंम्बर नोट किया है. इसी के साथ जमशेदपुर ब्लड सेंटर के पन्नों पर उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है.