झारखंड में देवघर एयरपोर्ट पर सुरक्षा नियमों को तोड़कर एटीसी ऑफिस के अंदर जाने के मामले में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष याचिका यानी एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दोनों सांसदों मनोज तिवारी और निशिकांत दुबे को नोटिस जारी किया है. इन बीजेपी नेताओं पर एयरपोर्ट पर स्थित एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) कार्यालय में जबरन घुसने और कर्मियों पर हवाई अड्डे से उनकी चार्टर्ड उड़ान को मंजूरी देने के लिए दबाव बनाने के आरोप में FIR दर्ज की गई थी.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोप है कि सितंबर 2022 में देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया गया था.
आरोप है कि एटीसी को निजी विमान को उड़ान भरने की इजाजत देने के लिए धमकी दी गई और उन्हें मजबूर किया गया. जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने राज्य सरकार की याचिका पर दुबे, तिवारी और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया है.
हाईकोर्ट ने इन लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में आईपीसी अपराध लागू नहीं होते हैं क्योंकि इस मामले का संबंध एक विशेष अधिनियम, यानी विमान अधिनियम, 1934 (अधिनियम) से है. इसके अलावा, यह राय दी गई कि एफआईआर बरकरार रखने योग्य नहीं है क्योंकि अधिनियम की धारा 12बी के अनुसार केवल डीजीसीए को ही शिकायत की जा सकती है.