नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के 100 ब्लैक कैट कमांडो की टीम इस वक्त प्रसिद्ध तीर्थस्थल वैष्णोदेवी के प्रवेश द्वार कटरा में डेरा डाले हुए है. कटरा जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले का कस्बा है. यहां हर दिन देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक एनएसजी कमांडो टीम ने वैष्णोदेवी गुफा समेत पूरे तीर्थस्थान का बारीकी से सुरक्षा मुआयना किया है. बता दें कि वैष्णोदेवी तीर्थस्थल का नाम आतंकवादियों के निशाने पर हमेशा बताया जाता रहा है. हालांकि इस संबंध में कोई विशिष्ट इनपुट नहीं है लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक वैष्णोदेवी के समूचे तीर्थस्थल का एनएसजी कमांडो की ओर से मुआयना किए जाना स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का हिस्सा है.
कटरा से त्रिकूटा पर्वत पर स्थित वैष्णोदेवी गुफा और भवन तक 13 किलोमीटर चढ़ाई का रास्ता है. आंध्र प्रदेश में तिरुपति के बाद वैष्णोदेवी को देश का दूसरा सबसे व्यस्त तीर्थस्थल माना जाता है.
एनएसजी से जुड़े सूत्र ने बताया कि वैष्णोदेवी तीर्थस्थल का पूरी तौर पर मुआयना इसलिए किया गया कि किसी भी आतंकी हमले की स्थिति में यहां के सभी एंट्री और एग्जिट पाइंट्स की भलीभांति पहचान की जा सके.
बता दें कि एनएसजी के 100 ब्लैक कैट कमांडो को हाल ही में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से कटरा में शिफ्ट किया गया है. ये वहां एक महीने से पुलवामा जिले के लेठापोरा में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में तैनात थे. कश्मीर घाटी में एनएसजी कमांडो को जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को ट्रेंड करने के लिए लगाया गया था. इसमें अरबन वारफेयर और रूम इंटरवेंशन की ट्रेनिंग भी शामिल थी.
हैरानी की बात है कि कश्मीर घाटी में रहते हुए एनएसजी कमांडो को किसी भी काउंटर टेरर ऑपरेशन में शामिल नहीं किया गया है. बीते अगस्त में ब्लैक कैट्स कमांडो उसी इलाके में मौजूद थे जहां जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पुलवामा डिस्ट्रिक्ट पुलिस लाइंस पर फिदाइन हमला किया था. ब्लैक कैट कमांडो को काउंटर ऑपरेशन से अलग रखा गया. इस ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के चार-चार जवान शहीद हुए.
एनएसजी ब्लैक कमांडो की आधी टीम अब कटरा में हैं. वहीं आधी टीम दिल्ली में आरके पुरम में लौट आई है. एनएसजी के डीजी सुधीर प्रताप सिंह के मुताबिक ऐसा नहीं है कि एनएसजी कमांडो कश्मीर घाटी में एक्शन में नहीं थे. वहां सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को ट्रेंड किया जा रहा था. जम्मू सेक्टर में भी दूसरे बलों के जवानों को ट्रेंड किया जा रहा है.