जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब-डिवीज़न में बादल फटने का मामला सामने आया है. पड्डर के चिशोती गांव में मचैल माता मंदिर के पास बादल फटा है, जहां पर लोग धार्मिक यात्रा के लिए इकट्ठा हुए थे. बादल फटने की घटना के बाद इलाके में अचानक बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. घटना होने के बाद मौके पर बचाव कार्य शुरू हुआ किया गया है. इसके साथ ही, कश्मीर के राजौरी और मेंढर से भी बाद फटने की जानकारी सामने आई है.
किश्तवाड़ की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई है. कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. लोग धार्मिक यात्रा के लिए मौके पर जुटे हुए थे, मौके पर टेंट लगे हुए थे और श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था की गई थी, तभी अचानक बादल फटने की घटना हुई.
बादल फटने वाली जगह तक जाने वाली सड़क बह गई है. बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
घटना से जुड़े LIVE अपडेट्स:
- जानकारी के मुताबिक, जिस इलाके में आपदा आई है, वहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. इस गांव में आबादी संख्या काफी ज्यादा है और बादल फटने की घटना के बाद आधे से ज्यादा गांव बह गया है. रास्ते तबाह हो गए हैं, जिससे रेस्क्यू टीमों को मौके पर पहुंचने में बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आजतक से बात करते हुए कहा, "जिस जगह पर हादसा हुआ है, उसकी आबादी काफी ज्यादा है. ग्लोबल वॉर्मिंग की जो स्थिति हो गई है, इसमें हर जगह खतरा ही खतरा हो गया है."
- पिछले 15 दिनों में पुंछ, राजौरी और डोडा जैसे इलाकों में भारी बारिश हो रही है. मचैल माता मंदिर यात्रा गांव के बीच से गुजरती है. हजारों की संख्या में यात्रियों के फंसे होने की आशंका है. आस-पास जो सेना की डेल्टा फोर्सेज की टुकड़ियां भी बचाव कार्य में लगाई जाएंगी.
- एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें और हेलीकॉप्टर जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. नुकसान का आकलन करने और बचाव एवं चिकित्सा कार्यों में समन्वय स्थापित करने के कोशिश जारी हैं. खराब मौसम और राजमार्ग पर भूस्खलन एक बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं. कुछ बचाव दल पैदल ही आगे बढ़ रहे हैं.
घटना की जनकारी मिलने के बाद मोदी सरकार में मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्थानीय अधिकारियों से बात की और घटना की जानकारी हासिल की. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने मौके पर राहत कार्य के लिए कार्यवाही शुरू की है. उपायुक्त किश्तवाड़ ने तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) किश्तवाड़ और अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर एक टीम घटनास्थल पर भेजी. रेड क्रॉस की टीम भी राहत सामग्री के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "अभी-अभी जम्मू-कश्मीर के LoP और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से मिली जानकारी के बाद मैंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की. चोसिटी इलाके में बादल फटने से भारी जनहानि की आशंका है. प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है."
केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जरूरी बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन व्यवस्था की जा रही है. मेरे दफ्तर को नियमित अपडेट मिल रहे हैं और हर मुमकिन मदद मुहैया कराई जा रही है.
एजेंसी के मुताबिक, किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया, "किश्तवाड़ के चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई है, जो मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है. बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है."
बता दें कि मचैल माता यात्रा जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित मचैल मंदिर की एक वार्षिक तीर्थयात्रा होती है. यह यात्रा देवी दुर्गा के एक रूप, माता चंडी को समर्पित है. यह यात्रा भद्रवाह के चिनोट से शुरू होती है और मचैल मंदिर में खत्म होती है.
किश्तवाड़ के चशोती इलाके में अचानक आई बाढ़ पर, जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और पद्दर-नागसेनी के विधायक सुनील कुमार शर्मा ने कहा, "हमारे पास अभी तक कोई संख्या या डेटा नहीं है, लेकिन वहां भारी नुकसान की आशंका है. यात्रा जारी होने की वजह से इलाका भीड़भाड़ वाला है. मैं उपराज्यपाल से बात करूंगा और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ टीम की मांग करूंगा."
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एलजी ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को और तेज़ करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए."
बादल फटने की यह घटना तीर्थयात्रा मार्ग पर हुई है और अधिकारियों ने अभी तक हताहतों की सही संख्या की पुष्टि नहीं की है. शुरुआती रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है.
उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में 5 अगस्त को बादल फटने से तबाही मच गई. बादल फटने के बाद आई बाढ़ के बाद भूस्खलन से गंगोत्री के निकट धराली गांव तबाह हो गया, जो राज्य के लिए एक नई चेतावनी है.