जम्मू-कश्मीर में हजरतबल दरगाह के नेमप्लेट पर लगे अशोक एम्बेलम को नुकसान पहुंचाने की घटना के बाद विवाद और गहराता जा रहा है. द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम के संगठन ने सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी को जान से मारने की धमकी दी है.
TRF की पोस्ट में लिखा गया, "यह गंदगी दरख्शां अंद्राबी, RSS की कठपुतली, अपनी असली रंगत दिखा चुकी है. इस बार उसे और उसके परिवार को छोड़ा नहीं जाएगा. पहले उसके अपनों को मारा जाएगा ताकि वह दर्द महसूस कर सके. अगर उसे लगता है कि RSS उसके लिए सुरक्षा कवच बनेगा, तो वह सपना देखती रहे जब तक कि उसके सिर में गोली नहीं लगे."
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एक अन्य संदेश में कहा गया, "अंद्राबी, तुम्हारे दिन गिने-चुने रह गए हैं. पूरा कश्मीर तुम्हारे और तुम्हारे आकाओं की गंदी साजिशों के खिलाफ खड़ा है. पीपुल्स रेजिस्टेंस तुम्हें देख रहा है और इस बार तुम्हारी गद्दारी बिना सजा के नहीं जाएगी."
केवल संपत्ति पर नहीं बल्कि आस्था पर हमले का आरोप
श्रीनगर में इससे पहले शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. अंद्राबी ने इस घटना को राजनीतिक षड्यंत्र बताया था. उन्होंने कहा कि यह हमला केवल संपत्ति पर नहीं बल्कि आस्था पर किया गया है.
अंद्राबी ने बताया कि वक्फ बोर्ड ने पूरे एक साल तक हजरतबल दरगाह के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण पर काम किया, जिसे हाल ही में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर पूरा कर उद्घाटन किया गया. उन्होंने कहा, "दशकों बाद हजरतबल को सजाया-संवारा गया. इसे पूरी वादी, भारत और विदेशों में देखा गया, लेकिन कुछ राजनीतिक ताकतें इसे पचा नहीं सकीं."
पत्थर पर नहीं, यह दरगाह के दिल पर चोट- दरख्शां अंद्राबी
वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने दरगाह के प्रतीक को तोड़ा, वे राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, "यह चोट सिर्फ पत्थर पर नहीं थी, यह दरगाह के दिल पर चोट थी. यह संविधान पर हमला था जिसकी शपथ यहां के चुने हुए नेता लेते हैं."
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दरख्शां अंद्राबी ने बताया कि घटना से पहले ही पुलिस को चेतावनी दी गई थी. उन्होंने कहा, "मैंने SHO को कहा था कि उनके हाथों में पत्थर और हथौड़े होंगे. कल तक वे भ्रष्टाचार की रोटियां सेंक रहे थे, अब चूल्हा ठंडा हो गया है, इसलिए वे अंधेरे में हैं." डॉ. अंद्राबी ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने हमेशा राजनीति से दूर रहने की कोशिश की, लेकिन इस घटना ने माहौल बिगाड़ दिया है.