नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को लद्दाख के लोगों की मांगों को समझने और उन्हें पूरा करने के लिए उनसे बातचीत करनी चाहिए. यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार को लेह में हिंसा भड़क उठी थी.
सोनम वांगचुक का किया बचाव
अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, 'मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि लद्दाख एक सीमावर्ती इलाका है. चीन आसपास मंडरा रहा है. उसने जमीन भी कब्जाई हुई है. ऐसे में इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल निकालना जरूरी है. सरकार को बातचीत करनी चाहिए और हल ढूंढना चाहिए.' जब सरकार की ओर से क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'वांगचुक इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं'.
'ताकत से नहीं बातचीत से लें काम'
अब्दुल्ला ने कहा, 'वांगचुक ने हमेशा गांधीवादी तरीका अपनाया है. आज युवा उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं, लेकिन वे इसके जिम्मेदार नहीं हैं. जब बीजेपी चुनाव हारी तो उन्होंने सुरक्षा कानून लगाया और लोगों को जेल में डाल दिया. अब वे सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. जितना ज्यादा वे दमन करेंगे, उतना ही बड़ा खतरा पैदा होगा. मैं भारत सरकार से कहना चाहता हूं कि ताकत का इस्तेमाल बंद करे और बातचीत शुरू करे.'
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की ओर से बुधवार को बुलाए गए बंद के दौरान दिनभर चले संघर्ष में चार लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 80 लोग घायल हुए थे. LAB लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है.