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भूकंप से दहला अफगानिस्तान, जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए झटके

अफगानिस्तान हिंदू कुश क्षेत्र में है, जो टेक्टॉनिक्स प्लेट का सक्रिय जोन है. यहां इंडियन प्लेट का यूरेशियन प्लेट से टकराव होता है. पिछले 10 वर्षों में 300 किलोमीटर के दायरे में रिक्टर पैमाने पर 6.0 से ऊपर 10 भूकंप आए. 2015 का 7.5 तीव्रता वाला भूकंप सबसे घातक था.

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अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए (File Photo: ITG)
अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए (File Photo: ITG)

अफगानिस्तान की धरती शुक्रवार को भूकंप के झटके से दहल गई. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.6 दर्ज की गई. भूकंप के झटके जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए.

भूकंप के झटके अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा पर महसूस किया गया. इससे पहले एक सितंबर को पूर्वी अफगानिस्ता के नांगरहर प्रांत में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 800 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. नांगरहर और कुनार जैसे पूर्वी प्रांत पाकिस्तान सीमा पर हैं, जहां फॉल्ट लाइन्स सक्रिय हैं. 

पृथ्वी की सतह कई प्लेटों से बनी है. ये प्लेटें धीरे-धीरे हिलती रहती हैं. जब दो प्लेटें टकराती या रगड़ खाती हैं, तो ऊर्जा निकलती है यही भूकंप है. 

बता दें कि रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.

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