पूर्वोत्तर राज्यों, ख़ासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों से मानसून के दौरान बादल फटने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है. बुधवार शाम को कुल्लू में दो अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटना सामने आई है. हिमाचल में बाढ़ की वजह से तांडव मचा हुआ है. पूरे प्रदेश में 325 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं.
लगातार हो रही बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा है. अधिकारियों के अनुसार, 20 जून से शुरू हुए मानसून से अब तक बारिश की वजह से राज्य को 2031 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
आर्थिक के साथ-साथ जानमाल के मामले भी सामने आए हैं. इस सीज़न बारिश से जुड़े मामलों में अब तक 126 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. वहीं 36 लोग लापता हैं.
कुल्लू में दो जगह बादल फटा
कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल की श्रीखंड पहाड़ी और बंजार उपमंडल की तीर्थन घाटी की बाथाध पहाड़ी पर बुधवार शाम को बादल फटे. श्रीखंड पहाड़ी में बादल फटने से कुरपन रावी में बाढ़ आ गई और प्रशासन ने बागीपुल बाज़ार को तुरंत खाली करा लिया. बुधवार रात शिमला के रामपुर क्षेत्र के नंटी में भी बादल फटने की घटना हुई. इसमें कई पुल बह गए.
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तीर्थन नदी के किनारे बने कुछ कॉटेज क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ वाहन भी बह गए. कुल्लू की उपायुक्त तोरल एस. रविश ने बताया कि प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हो गई है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
लाहौल-स्पीति जिले से भी बादल फटने की घटना सामने आई. गनीमत रही कि याड घाटी के करपट, चंगुत और उदगोश के नाले में बादल फटे, जिसमें दो पुल बह गए. करपट गांव में खतरा बढ़ने के कारण लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं.
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने चंबा, कांगड़ा और मंडी में गुरुवार को भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि शुक्रवार से रविवार तक चार से छह ज़िलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.