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बस स्टैंड डूबा, बह गईं गाड़ियां... जाते मॉनसून ने हिमाचल में मचाया तांडव, मंडी में बादल फटने से तबाही

हिमाचल प्रदेश में बारिश अब सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. धरमपुर में बादल फटने से जहां पूरा बस स्टैंड जलमग्न हो गया, वहीं शिमला और आसपास के इलाकों में भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. हर तरफ पानी, मलबा और तबाही का मंजर है.

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धरमपुर से शिमला तक, बारिश का कहर जारी
धरमपुर से शिमला तक, बारिश का कहर जारी

हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश ने फिर कहर बरपाया है. कल रात (15 सितंबर) मंडी के धरमपुर में बादल फटने से बस स्टैंड पानी में डूब गया. राज्य की राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों से भी भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन और सामान्य जनजीवन के बुरी तरह प्रभावित होने की खबरें आ रही हैं.

बीती रात धरमपुर में बारिश ने ऐसा तांडव मचाया कि पूरा बस स्टैंड डूबा गया और बसें समेत कई वाहन बह गए. इस घटना में एक व्यक्ति के भी अभी तक लापता होने की खबर है. भारी बारिश से यहां बहने वाली सोन खड्ड के जलस्तर में भी भारी बढ़ोतरी हो गई है. बढ़ते जलस्तर के चलते बस स्टैंड सहित लोगों के घरों और दुकानों में पानी जा घुसा है. हालात इतने खराब थे कि रात में ही भगदड़ मच गई. लोगों ने घरों की छतों पर चढ़कर अपनी जान बचाई. पुलिस ने रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.

मंडी के एसपी साक्षी वर्मा ने बताया, मंडी ज़िले के निहरी इलाके में भूस्खलन के बाद तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य को बचा लिया गया. भूस्खलन में चट्टान का मलबा एक घर पर गिर गया, जिससे पूरा घर ढह गया.

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इसके अलावा पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांगड़ा हवाई अड्डे के पास बनूनी में आज भूस्खलन हुआ है. दोनों तरफ वाहन फंसे हुए हैं. सड़क साफ करने के लिए डोज़र मशीनें लगाई गई हैं.

मौसम विभाग के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सोमवार को बारिश हुई, जबकि कुछ इलाकों में आंधी-तूफान आया, जिसके कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 493 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं. स्थानीय मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार शाम तक पिछले 24 घंटों में जोगिंदरनगर में 56 मिमी बारिश हुई, जबकि पालमपुर में 48 मिमी, पंडोह में 40 मिमी और कांगड़ा में 34.2 मिमी बारिश हुई. इस बीच, नगरोटा सूरियां में 30 मिमी, मंडी में 27.5 मिमी, सराहन में 18.5 मिमी, मुरारी देवी में 18.2 मिमी, भरेरी में 17.6 मिमी और करसोग में 17 मिमी बारिश हुई.

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मौसम विभाग ने बताया कि कांगड़ा, जोत, सुंदरनगर और पालमपुर में गरज के साथ बारिश हुई, जबकि रिकांगपिओ और सेओबाग में तेज हवाएं चलीं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग-3 का अटारी-लेह खंड, एनएच-305 का औट-सैंज खंड और एनएच-503ए का अमृतसर-भोटा खंड उन 493 सड़कों में शामिल हैं जो वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहीं. केंद्र ने कहा कि 352 बिजली ट्रांसफार्मर और 163 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं.

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राज्य में 20 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कुल 409 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 41 लोग अभी भी लापता हैं. मरने वालों में 180 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए. अधिकारियों ने बताया कि अब तक राज्य को 4,504 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में 1 जून से 15 सितम्बर तक चालू मॉनसून सीजन के दौरान 689.6 मिमी की सामान्य बारिश की तुलना में 991.1 मिमी औसत बारिश हुई, जो 44 प्रतिशत अधिक है. बता दें कि 20 से 25 सितंबर के बीच हिमाचल प्रदेश से मॉनसून विदा हो जाता है.

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