राजस्थान के चूरू के पास बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए जगुआर फाइटर जेट हादसे में शहीद हुए भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर लोकेन्द्र सिंह सिंधु की शहादत ने पूरे हरियाणा और देश को गमगीन कर दिया है. सिंधु महज एक महीने पहले ही पिता बने थे और उनका परिवार रोहतक के खेड़ी साध गांव में इस खुशी का जश्न मना रहा था.
एक दिन पहले किया था वीडियो कॉल
परिवार ने बताया कि लोकेन्द्र ने मंगलवार की शाम को ही परिवार से वीडियो कॉल पर बात की थी और हालचाल पूछा था. किसी को यह अंदेशा नहीं था कि अगले ही दिन वह देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर देंगे. लोकेन्द्र सिंह सिंधु ने अपनी ड्यूटी के प्रति इतनी निष्ठा दिखाई कि उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना विमान को आबादी से दूर ले जाने की कोशिश की ताकि किसी आम नागरिक को नुकसान न हो.
लोकेन्द्र के भाई ज्ञानेंद्र ने बताया कि हादसे की जानकारी उन्हें मीडिया से मिली. उन्होंने तुरंत अपने रिश्तेदार जो वायुसेना में विंग कमांडर हैं, उनसे संपर्क किया. इसके बाद पुष्टि हुई कि लोकेन्द्र अब इस दुनिया में नहीं रहे.
परिवार से पहले देश को रखते थे लोकेन्द्र
परिवार के अनुसार, 30 जून को सिंधु अपने बेटे के जन्म की खुशी में आयोजित एक पारिवारिक समारोह में शामिल हुए थे और अगले ही दिन उन्होंने ड्यूटी जॉइन कर ली थी. बेटे के जन्म को लेकर परिवार में बेहद खुशी थी, लेकिन अब वही घर मातम में बदल चुका है.
लोकेन्द्र के दादा बलवान सिंह ने कहा कि 'हमारी उनसे गहरी आत्मीयता थी, उनकी यादें अब हर पल आंखों के सामने तैरती रहती हैं. उन्होंने हमेशा देश को प्राथमिकता दी.'
दुर्घटना में शहीद हुए दूसरे पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिराज सिंह थे, जिनकी उम्र मात्र 23 साल थी. इस हादसे के बाद भारतीय वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित कर दी है जो दुर्घटना के कारणों की जांच करेगी.