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रात को तपस्या, दिन में एग्जाम: भिवानी में संत दे रहे 10वीं की परीक्षा, खड़े-खड़े ही लिखते हैं उत्तर

हरियाणा के भिवानी (Haryana Bhiwani) में एक संत दसवीं की परीक्षा (10th exam) दे रहे हैं. खास बात ये हैं कि ये संत खड़े खड़े तपस्या कर रहे हैं, परीक्षा भी उसी तरह ही देते हैं. कुछ साल पहले उनसे टीवी इंटरव्यू में उनकी पढ़ाई को लेकर एक सवाल पूछा गया था, जो बेहद खटक गया. इसके बाद उन्होंने शिक्षा हासिल करने की ठान ली और अब वे दसवीं की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं.

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भिवानी में संत दे रहे 10वीं की परीक्षा, खड़े-खड़े ही लिखते हैं उत्तर. (Photo: Aajtak)
भिवानी में संत दे रहे 10वीं की परीक्षा, खड़े-खड़े ही लिखते हैं उत्तर. (Photo: Aajtak)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • परीक्षा दे रहे संत लोगों की समृद्धि के लिए खड़े-खड़े करते हैं तपस्या
  • कोरोना काल में पढ़ाई से वंचित बच्चों को पढ़ाई का संदेश देना है उद्देश्य
  • स्कूल ने संत की तपस्या को देख किए विशेष प्रबंध

हरियाणा के भिवानी (Haryana Bhiwani) में एक संत सुरेंद्र सिंह दसवीं के बच्चों के साथ परीक्षा दे रहे हैं. इनका कहना है कि वे मेरिट में आने के लिए रात भर पढ़ाई करते हैं. वे बच्चों को ये संदेश देना चाहते हैं कि अगर एक संत मेरिट ला सकता है तो वे भी पढ़ाई पर जोर दें, और बेहतर परिणाम हासिल करें.  संत सुरेंद्र खड़े-खड़े तपस्या करते हैं. इसके साथ ही 10वीं (10th exam) की परीक्षा भी खड़े-खड़े ही दे रहे हैं. संत का कहना है कि वे नगर की सुख, शांति, समृद्धि व उन्नति के लिए तपस्या कर रहे हैं.

भिवानी में संत दे रहे 10वीं की परीक्षा, खड़े-खड़े ही लिखते हैं उत्तर. (Photo: Aajtak)

 

संत की परीक्षा को लेकर क्या बोले स्कूल के प्रिंसिपल?

पंडित सीताराम गर्ल सीनियर सेकंडरी स्कूल में बने केंद्र में संत सुरेंद्र सिंह परीक्षा देते हैं. यहां कि प्रिंसिपल डॉ. कांता गौड़ का कहना है कि स्कूल में तपस्वी संत की परीक्षा को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है. क्लास रूम में लेक्चर स्टैंड लगवा दिया गया है. वहीं संत सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि कई साल पहले टीवी पर इंटरव्यू के दौरान उनसे उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा गया था. उनके मन में ये बात बहुत खटक गई. इसके बाद उन्होंने पढ़ने की ठानी. संत ने कहा कि वो नगर की खुशहाली के लिए तपस्या भी करते हैं और मेरिट पाने के लिए पढ़ाई भी.

आध्यात्मिक ज्ञान के साथ स्कूली शिक्षा भी जरूरी

संत सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वो चाहते हैं कि उन्हें पढ़ता देख बच्चों में भी पढ़ाई के प्रति जिज्ञासा बढ़े. उनका कहना है कि आध्यात्मिक ज्ञान के साथ स्कूली शिक्षा भी जरूरी है

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रिपोर्टः जगबीर घनघस

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