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अहमदाबाद में नहीं थमेगा बुलडोजर, HC से राहत नहीं, चंडोला तालाब के पास झुग्गियां और आलीशान फार्म हाउस किए जा रहे ध्वस्त

अहमदाबाद प्रशासन ने चंडोला तालाब पर बने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए आलीशान फार्म हाउस के ध्वस्त कर दिया है. बताया जा रहा है कि तालाब पर अपने इस अवैध निर्माण में अवैध संदिग्ध घुसपैठियों के संरक्षण दिया जाता था.

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अहमदाबाद में बुलडोजर ने ध्वस्त किए अवैध निर्माण.
अहमदाबाद में बुलडोजर ने ध्वस्त किए अवैध निर्माण.

अहमदाबाद प्रशासन ने सुबह-सुबह अतिक्रमण के खिलाफ शुरू किए अभियान में चंडोला तालाब पर बनी अवैध झोपड़ियां और आलीशान फार्म हाउस को जमींदोज कर दिया है. नगर निगम की इस कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. पुलिस ने बताया कि अवैध निर्माण के खिलाफ अभी-भी जारी है. वहीं, नगर निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोग गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर HC ने सुनवाई करने से इनकार कर याचिका खारिज कर दी है.

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पुलिस ने बताया कि लल्लू बिहारी ने तालाब पर अवैध निर्माण कर आलीशान फार्म हाउस बना कर खड़े किए थे, जहां पर अवैध रूप से आने वाले बांग्लादेशियों को संरक्षण दिया जाता था. तीन दिन पहले यहीं से 1 हज़ार से ज्यादा संदिग्ध अवैध घुसपैठियों को पकड़ा गया था. अब इस पूरे अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए प्रशासन और नगर निगम की टीम ने 50 से ज्यादा बुलडोजर तैनात किए थे.

इससे पहले सोमवार को पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने बताया कि पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान के तहत अब तक करीब 450 बांग्लादेशी नागरिक गुजरात में अवैध रूप से रह रहे पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने करीब 6,500 अवैध लोगों को हिरासत में लिया है, जिनके बारे में संदेह है कि वे पड़ोसी देश के नागरिक हैं.

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'दो हजार पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुई कार्रवाई'

डिमोलिशन ड्राइव के बारे में जानकारी देते हुए ज्वाइंट सीपी (क्राइम) शरद सिंघल ने बताया, 'सियासतनगर बंगाल वास था, जहां अधिकांश बांग्लादेशी रहते थे... एएमसी ने एक सर्वेक्षण किया, जिसमें पाया गया कि अवैध निर्माण किया गया था. ध्वस्तीकरण अभियान चल रहा है. कुल 50 जेसीबी यहां काम कर रही हैं और लगभग 2,000 पुलिसकर्मी यहां तैनात हैं.'

उन्होंने बताया कि साल 2009 में भी यहां कार्रवाई की गई थी, लेकिन बाद में धीरे-धीरे इन लोगों ने तालाब पर मिट्टी डालकर अपने घर बना लिए थे. बीते दिनों अहमदाबाद नगर निगम ने सर्वे किया था, जिसके बाद ये कार्रवाई की जा रही है.

'जारी है सर्च ऑपरेशन'

अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर ज्ञानेंद्र सिंह मलिक ने कहा, 'बंगाल वास एक ऐसा इलाका है, जहां कई अवैध बांग्लादेशी रहते हैं. इनके खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई है. पहले भी तोड़फोड़ की गई है. 3 दिन पहले पुलिस ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन अभियान चलाया था, जिसमें 180 से ज़्यादा अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की गई थी और ये प्रक्रिया जारी है.' 

उन्होंने आगे कहा कि अहमदाबाद नगर निगम द्वारा यहां किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है और पुलिस ने यहां करीब 2000 पुलिस बल तैनात किया है. हमने अहमदाबाद के पूरे पुलिस बल को स्टैंडबाय पर रखा है. अगर कहीं कोई घटना होती है तो पुलिस बहुत सख्त कार्रवाई करेगी. 

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पुलिस अधिकारी ने ये भी बताया कि हमने एक एफआईआर भी दर्ज की है, जिसमें लल्लू बिहारी नाम के एक व्यक्ति और उसके कुछ लोगों के नाम हैं. वह फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनाता था, ताकि आधार बनवाया जा सके. उसने यहां एक बड़ा फार्महाउस बनाया था. उसका घर, जो उसने अवैध रूप से बनाया था. उसे ध्वस्त कर दिया गया है और अभी-भी तोड़फोड़ की प्रक्रिया चल रही है... हमें पता चला है कि कुछ लोगों ने अवैध रूप से पासपोर्ट भी बनवा लिए हैं. इसलिए हमने लल्लू बिहारी और उसके गिरोह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और पुलिस निश्चित रूप से जांच करेगी..."

बुलडोजर एक्शन पर HC से राहत नहीं

वहीं, अहमदाबाद नगर निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोग गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. स्थानीय लोगों ने तुरंत सुनवाई की मांग करते हुए नगर निगम की कार्रवाई को चुनौती दी. हालांकि, हाईकोर्ट ने स्थानीय लोगों को राहत ना देते हुए नगर निगम की कार्रवाई पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया.

'6,500 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हिरासत में'

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहाय ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत में बड़े सर्च ऑपरेशन के बाद पूरे राज्य में इसी तरह के अभियान चलाए गए, जिसमें लगभग 6,500 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया और उनकी पहचान सत्यापित की गई.

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उन्होंने बताया, 'अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद गुजरात के सभी जिलों और पुलिस आयुक्तालयों को यह कार्य (बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने का) करने को कहा गया. मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हमने करीब 6,500 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की है.'

आईपीएस अधिकारी ने कहा, 'अभी तक दस्तावेजी सबूतों के आधार पर करीब 450 बांग्लादेशी नागरिकों के यहां (गुजरात में) अवैध रूप से रहने की पुष्टि हो चुकी है. बाकी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है. हमें लगता है कि हम बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान स्थापित करने में सफल होंगे.'

उन्होंने कहा कि एक बार बांग्लादेशी नागरिक के रूप में उनकी पहचान स्थापित हो जाने पर, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के समन्वय से उनके निर्वासन के लिए कदम उठाए जाएंगे.

अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए 1,000 से ज़्यादा संदिग्ध बांग्लादेशियों से पूछताछ की जा रही है। सहाय ने बताया कि उनके निर्वासन के लिए कदम उठाने से पहले उनकी राष्ट्रीय पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेजी और तकनीकी सबूत जुटाए जा रहे हैं.

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