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दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा! हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी, अगले 48 घंटे भारी

यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे का निशान पार कर चुका है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी ने बाढ़ का खतरा और बढ़ा दिया है. 2023 जैसी स्थिति दोहरने की आशंका के बीच प्रशासन अलर्ट मोड पर है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.

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बैराजों से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं. (Photo-PTI)
बैराजों से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं. (Photo-PTI)

राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में बारिश देखने को मिल रही है. वहीं हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है जिसका असर यमुना में दिखा है और यमुना चेतावनी के लेवल के निशान को पार गई है. दिल्ली में यमुना में लगातार पानी बढ़ने का सिलसिला जारी है. यमुना घाट कालिंदी कुंज पर मौजूद लोगों ने बताया कि शनिवार से पानी बढ़ाना शुरू हुआ है.

यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 205.52 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया है और  हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ने का सिलसिला जारी है. हथिनीकुंड बैराज से 329313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. आज सुबह 7:00 बजे यमुना ने हथनीकुंड बैराज से 272000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इसके बाद 8:00 बजे तकरीबन 311032 क्यूसेक  पानी छोड़ा गया और 9 बजे 329313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो कल तक दिल्ली पहुंचेगा.

बता दें कि 2023 में 11 जुलाई को हथनीकुंड बैराज से 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, इससे दिल्ली के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए थे. हर घंटे छोड़े जा रहा लाखों क्यूसेक पानी से एक बार फिर 2023 जैसे हालत बनने के आसार हैं.

  • साल 1978 में 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, उस साल यमुना का जा स्तर 207.49 मीटर पर पहुंचा था.
  • 2010 में 744507 पानी छोड़ा गया था तब यमुना का स्तर 207.11 मीटर पर पंहुचा था.
  • 2013 में 806464 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, तब यमुना का जलस्तर 207.32 मीटर पर पहुंच था.
  • 2023 में 359760 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, तब यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर पर पहुंच गया था.

अधिकारी के अनुसार, स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और सभी संबंधित एजेंसियों को संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है, क्योंकि जल स्तर में और वृद्धि होने का अनुमान है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मयूर विहार में नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अस्थायी रूप से ठहराने के लिए टेंट लगाए गए हैं.

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बता दें कि दिल्ली में वॉर्निंग लेवल 204.5 मीटर है, डेंजर लेवल 205.3 मीटर है और निकासी 206 मीटर से शुरू होती है. पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नज़र रखने के लिए एक प्रमुख बिंदु माना जाता है. केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, "वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ रहा है."

बैराजों से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं. ऊपरी इलाकों से छोड़े गए कम पानी से भी जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे शहर में पानी चेतावनी के निशान के करीब पहुंच रहा है.

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