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दिल्ली कैंट में नए सेना भवन के निर्माण का रास्ता साफ, 500 पेड़ हटाकर लगाए जाएंगे 5 हजार 790 नए पौधे

देश की राजधानी दिल्ली में नए सेना भवन निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इस काम के लिए दिल्ली कैंट में 500 पेड़ों को हटाया जाएगा. इसमें 476 पेड़ों को दूसरी जगह लगाया जाएगा, जबकि 103 पेड़ों को काटा जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 5 हजार 790 नए पौधे लगाने की शर्त पर भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली कैंट में नए सेना भवन बनाने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को निर्माण स्थल से 579 पेड़ों के प्रत्यारोपण और काटने का प्रस्ताव भेजा था. इसको लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने योजना के तहत 5 हजार 790 पेड़ लगाने की शर्त पर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली कैंट में थल सेना भवन निर्माण का प्रस्ताव दिल्ली सरकार को दिया था. इस प्रस्ताव में कहा गया था कि मंत्रालय सेना के लिए अत्याधुनिक सुविधा के साथ साइट को विकसित करना चाहती है. इसमें कुछ पेड़ साइट के निर्माण में बाधा डाल रहे हैं. साइट को खाली करने के लिए 579 पेड़ों को दूसरी जगह पर स्थानांतरित करने और काटने की मंजूरी मांगी थी.

वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था. इसके बाद सीएम ने भारतीय सेना के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के महत्व को देखते हुए राष्ट्रहित में अपनी सहमति दी. इस मंजूरी से सेना के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी.

476 पेड़ों को दूसरी जगह लगाया जाएगा, काटे जाएंगे 103 पेड़

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साथ ही इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा है कि 579 पेड़ों में से मंत्रालय 476 पेड़ों को दूसरी जगह लगाया जाएगा. वहीं, 103 पेड़ों की कटाई की जाएगी. प्रत्यारोपण चिह्नित परियोजना स्थान के अंदर होगा. दिल्ली सरकार ने आगे मंत्रालय से कहा है कि वह साइट पर उन पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाए.

रक्षा मंत्रालय सात वर्षों तक करेगी पेड़ों का रख-रखाव 

यदि चिह्नित वृक्षों के अलावा कोई वृक्ष क्षतिग्रस्त होता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के अंतर्गत अपराध होगा. दिल्ली सरकार ने पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपण के बदले में रक्षा मंत्रालय के लिए 10 गुना पौधे लगाना अनिवार्य कर दिया है. दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार रक्षा मंत्रालय अगले सात वर्षों तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी लेगा.

लगाए जाएंगे नीम, अमलतास और पीपल जैसे पेड़

दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के बदले दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे. इनमें नीम, अमलतास, पीपल, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन आदि प्रजाति के पौधे शामिल हैं. गैर वन भूमि पर 6-8 फीट ऊंचाई के पौधे को लगाए जाएंगे.

पर्यवेक्षण के लिए रक्षा मंत्रालय वृक्ष अधिकारी को देगा रिपोर्ट  

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रक्षा मंत्रालय को आवश्यक शर्तों को पूरा करने के तुरंत बाद पेड़ों को ट्रांसप्लांट करना है. इस प्रक्रिया को शुरू करने के बाद 6 महीने के भीतर पूरा करना होगा. रक्षा मंत्रालय आगे पर्यवेक्षण के लिए वृक्ष अधिकारी को एक रिपोर्ट देगा. दिल्ली सरकार ने मंत्रालय से परियोजना के लिए ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी 2020 का पालन करने और उस पर नियमित प्रगति रिपोर्ट जमा करने को कहा है.

यदि किसी पेड़ पर पक्षियों का बसेरा पाया जाता है, तो उसे तब तक काटने या रोपने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक पक्षी पेड़ को छोड़ नहीं देते हैं. साथ ही पेड़ों की कटाई के 90 दिनों के भीतर निकटतम श्मशान घाट में पेड़ों की लकड़ियों को मुफ्त में पहुंचाया जाएगा.

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