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भारत से पाकिस्तान गए 12 हिंदुओं को धर्म पूछकर लौटाया, प्रकाश उत्सव पर दर्शन करने गए थे

प्रकाश उत्सव पर पाकिस्तान दर्शन के लिए वीजा लेकर गए दिल्ली के भाटी माइंस के 12 हिंदू श्रद्धालुओं को पाकिस्तानी प्रशासन ने वापस लौटा दिया. आरोप है कि उन्हें हिंदू होने के कारण एंट्री नहीं दी गई और बस का करीब 13,000 रुपये किराया भी नहीं लौटाया गया. वे करतारपुर साहिब और अन्य गुरुद्वारों के दर्शन के लिए गए थे.

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पाकिस्तान ने 12 हिंदू तीर्थयात्रियों को लौटाया (Photo: Ashutosh kumar/ITG)
पाकिस्तान ने 12 हिंदू तीर्थयात्रियों को लौटाया (Photo: Ashutosh kumar/ITG)

प्रकाश उत्सव के मौके पर पाकिस्तान जाकर गुरुद्वारों के दर्शन करने पहुंचे 14 हिंदू श्रद्धालुओं को पाकिस्तानी प्रशासन ने हिंदू होने का हवाला देकर वापस भेज दिया. ये श्रद्धालु दिल्ली के भाटी माइंस क्षेत्र के रहने वाले हैं और सिख जथे के साथ वीजा लेकर पाकिस्तान गए थे. उनका कहना है कि उन्हें पाकिस्तान में प्रवेश भी दिया गया और गुरुद्वारा कमेटी ने स्वागत भी किया. लेकिन बस में बैठने के बाद पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें रोक दिया और कहा कि आप हिंदू हैं, क्यों जाएंगे.

जानकारी के अनुसार, श्रद्धालु पंजा साहिब, ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब और सच्चा सौदा गुरुद्वारा में मत्था टेकने के लिए निकले थे. वे दिल्ली से गुरु नानक देव के प्रकाश उत्सव के मौके पर पाकिस्तान पहुंचे थे. जैसे ही वे पाकिस्तान में प्रवेश करने पहुंचे, वहां मौजूद अधिकारियों ने उनकी पहचान पूछी और हिंदू होने की बात सामने आने पर उन्हें रोक दिया.

हिंदुओं को पाकिस्तान ने नहीं करने दिए दर्शन 

श्रद्धालुओं का कहना है कि पाकिस्तान प्रशासन ने उन्हें वापस लौटने को कहा और दर्शन की अनुमति नहीं दी. साथ ही उनके बस किराए के लगभग 13,000 रुपये भी वापस नहीं किए गए. श्रद्धालुओं ने बताया कि वे पूरी तैयारी और वीजा दस्तावेजों के साथ पहुंचे थे, लेकिन धर्म के आधार पर उन्हें रोका गया.

श्रद्धालु ने सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग की

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इस घटना से लौटे श्रद्धालु बेहद निराश दिखे. उनका कहना है कि वे केवल धार्मिक भाव से गुरुद्वारों के दर्शन करने गए थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रशासन के इस व्यवहार से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं. फिलहाल श्रद्धालु मामले को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं.

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