दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार को ‘देशभक्ति करिकुलम’ के भविष्य के ब्लू-प्रिंट को लेकर कोर-डेवलपमेंट टीम के साथ समीक्षा बैठक की. देशभक्ति करिकुलम ने कोरोना के बाद अपना पहला साल पूरा कर लिया है.
समीक्षा बैठक के दौरान सिसोदिया ने कहा कि देशभक्ति करिकुलम का पूरा मकसद हमारे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को उनके भारतीय होने पर गर्व करवाना है. हर बच्चे में ये सोच विकसित करनी है कि वो अपने आसपास कुछ भी गलत होता है तो उसके खिलाफ आवाज उठाए और अगर खुद भी कुछ गलत करें तो उसके मन में भी यह भाव आए कि एक भारतीय होकर मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं.
बच्चे को कट्टर देशभक्त बनाना इस करिकुलम का उद्देश्य
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य है कि हर बच्चा अपने देश के मान सम्मान को लेकर आत्मविश्वास में जिए और एक कट्टर देशभक्त नागरिक बने. वह देश की समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार रहे और समस्याओं से भागे ना बल्कि समस्याओं का सामना करें और उनका समाधान ढूंढे. डिप्टी सीएम ने कहा मुझे खुशी है कि पाठ्यक्रम की मदद से बच्चों में ये बदलाव आना शुरू हो गया गया है.
करिकुलम में अब तक क्या हुआ?
- पाठ्यक्रम केजरीवाल सरकार के सभी स्कूलों में कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के 18 लाख से ज्यादा बच्चे देशभक्ति करिकुलम पढ़ रहे हैं.
- क्लास नर्सरी से 12वीं तक का पाठ्यक्रम रोल आउट हो चुका है.
- पाठ्यक्रम के लिए अबतक 2000 से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग मिल चुकी है.
- शिक्षा विभाग द्वारा करिकुलम के लिए 36,000 शिक्षक डेजिगनेटेड किए गए हैं.
करिकुलम को लेकर शिक्षा विभाग की आगे की योजना क्या है?
- ग्रेड 6, 7-8, 9-10 और 11-12 के लिए नया टीचर्स मैन्युअल.
- देशभक्ति करिकुलम से जुड़े शिक्षकों की ट्रेनिंग, स्कूल प्रमुखों की ओरिएंटेशन, मेंटर टीचर्स की ट्रेनिंग.
-अगले कुछ समय में 10,000 से ज्यादा शिक्षकों की ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी.
- कोर टीम और मास्टर ट्रेनर्स की कैपेसिटी बिल्डिंग.
- करिकुलम के बेहतर कार्यान्वयन और इम्पैक्ट स्टडी के लिए डेटा कलेक्शन व मोनिटरिंग सिस्टम बनाना.
क्या है देशभक्ति करिकुलम?
केजरीवाल सरकार के मुताबिक, यह खुद में अनोखा पाठ्यक्रम है जो किताबों और परीक्षाओं की सीमा से बाहर है. यह पूरा पाठ्यक्रम विद्यार्थी की सोच समझ और मानसिकता के आधार पर डिजाइन किया गया है. जहां वे लोगों से बात करके, अपने दोस्तों से बात करके, स्वयं के अंदर झांककर इस सवाल का जबाव तलाशते हैं कि देशभक्ति क्या है? देश उनके जीवन में क्या मायने रखता है? ये पाठ्यक्रम देशभक्ति को चुनिंदा परिभाषाओं तक सीमित नहीं रखता है इसलिए इस पाठ्यक्रम को सीखने के लिए कोई निश्चित सामग्री या नियम नहीं है बल्कि इसमें बच्चें अपने घर,स्कूल की चारदीवारी से बाहर निकल, अपने अनुभवों, वास्तविक जीवन की घटनाओं के आधार पर खुद के लिए देशभक्ति का अर्थ जानने का प्रयास करते हैं. ये पाठ्यक्रम बच्चों को देशभक्ति के साथ-साथ खुद को जानने का मौका भी देता है क्योंकि पाठ्यक्रम आत्मचिंतन को बढ़ावा देता है.
पाठ्यक्रम की खास बात ये है कि ये बच्चों की देशभक्ति की समझ को सही या गलत में नहीं बांटता है, बल्कि उन्हें ऐसा वातावरण देता है जिसमें बच्चे खुद की समझ के आधार पर ही सही और गलत में अंतर जान सकें.
कब लॉन्च हुआ देशभक्ति करिकुलम
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा 28 सितंबर 2021 को छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में देशभक्ति करिकुलम को लॉन्च किया गया था. केजरीवाल सरकार का देशभक्ति करिकुलम दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा नर्सरी से 12 तक के छात्रों के लिए है. करिकुलम में टीचर्स मैन्युअल के साथ-साथ छात्रों के लिए 100 देशभक्ति क्रांतिकारियों की कहानियां भी शामिल हैं.