मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद संभावना है कि आम आदमी पार्टी के कोई और नेता सीएम की कमान संभालेंगे. मसलन, बीजेपी आरोप लगा रही है कि अरविंद केजरीवाल मौका देखकर इस्तीफा दे रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के संविधान में ऐसे तो बाद में संशोधन कर दिया गया, लेकिन पार्टी के संविधान में पहले किसी नेता के तीन साल संयोजक रहने का प्रवधान था. इस पर यह सवाल लाजिमी है कि क्या आम आदमी पार्टी के बाकी नेता डमी नेता हैं?
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अरविंद केजरीवाल ही संयोजक के तौर पर चाहिए!
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने जवाब में कहा, "आम आदमी पार्टी का हर एक प्रवक्ता अरविंद केजरीवाल को समर्पित हैं, जो वो देश के लिए करना चाहते हैं. इसमें कोई समस्या नहीं है, और वो ही हमें राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर चाहिए. उनके विजन बड़े हैं और देश के लिए हैं. हर बच्चे को अच्छी और फ्री शिक्षा मिले. ड्राइवर का बच्चा भी आईएएस-आईआईटी पास करे ये उनके विजन हैं."
दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह मीटिंग करेंगे और फिर नया सीएम चुना जाएगा. इस पर एक सवाल यह भी उठता है कि क्या वह खुद सीएम का चयन करेंगे? और ये कि क्या फिर से हाई कमांड कल्चर शुरू हो रहा है, AAP प्रवक्ता ने बताया, "आज हमारी पीएसी की बैठक हुई है और कल विधायक दल की बैठक है. अगर हाई कमांड की बात होती तो ये चर्चा करने की जरूरत क्यों थी?"
AAP का प्रोसेस डेमोक्रेटिक!
AAP प्रवक्ता ने आगे कहा, "अगर ऐसा होता तो हम भी मोदी जी की तरह, जिस तरह से गुजरात में चुनाव से पहले रूपाणी जी को हटा दिया था तो हम भी ऐसा कर सकते थे." उन्होंने कहा, "हमारे यहां पर डेमोक्रेटिक प्रोसेस का सीधा प्रमाण है, जिस तरह से आज पीएसी की बैठक और कल विधायक दल की बैठक होगी. हमारे यहां चर्चा से और पार्टिसिपेटिव फॉर्म ऑफ गवर्नेंस से चीजें चलती हैं.