दिल्ली की बीजेपी सरकार ने स्थानीय व्यापारियों के हित में एक बड़ा ऐलान किया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद घोषणा की कि इस वर्ष दीपावली से पहले साल 2019 से लंबित लगभग ₹1600 करोड़ का जीएसटी रिफंड दिल्ली के व्यापारियों के बैंक खातों में पहुंचाया जाएगा.
यह कदम न केवल व्यापारियों को उनके लंबे इंतजार से राहत देगा, बल्कि त्योहारी सीजन में उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी मददगार साबित होगा. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि यह राशि दीपावली से पहले पूरी तरह अदा कर दी जाएगी, ताकि व्यापारी समुदाय इस उत्सव को और अधिक उत्साह से मना सके.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार ने इस जायज हक को लौटाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके कारण व्यापारियों की मेहनत की पूंजी सालों तक अटकी रही. हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि व्यापारी भाई-बहन अपनी मेहनत का फल समय पर प्राप्त करें और त्योहारों को खुशहाली के साथ मना सकें.'
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तकनीकी सुधार और पारदर्शिता का वादा
रिफंड प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने तकनीकी का सहारा लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुलासा किया कि आईआईटी हैदराबाद के विशेषज्ञों के सहयोग से एक नया और अत्याधुनिक आईटी सिस्टम विकसित किया गया है, जो रिफंड आवेदनों का निपटान तेजी से और सटीकता के साथ करेगा. इस सिस्टम के जरिए अब व्यापारियों को अनावश्यक देरी और जटिलताओं से निजात मिलेगी. हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर आवेदन का निपटारा समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से हो, ताकि व्यापारियों का भरोसा सरकार पर और मजबूत हो.'
व्यापारियों के कल्याण का जताया संकल्प
मुख्यमंत्री ने इस कदम को दिल्ली के व्यापारी वर्ग को सम्मान देने और राजधानी की आर्थिक प्रगति को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया. उन्होंने कहा, 'दिल्ली का व्यापारी समुदाय हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. उनके कारोबार को आसान बनाना और उनके हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है.' इस संदर्भ में सरकार ने व्यापारियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी काम शुरू कर दिया है, ताकि वे आधुनिक तकनीकों का लाभ उठा सकें और अपने व्यवसाय को और विस्तार दे सकें. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की इस घोषणा के बाद दिल्ली चेंबर ऑफ कॉमर्स के एक प्रवक्ता ने कहा, 'यह लंबे समय से लंबित मांग थी, और सरकार का यह फैसला हमारे लिए राहत भरा है.'