
देश की राष्ट्रीय राजधानी में जानलेवा होते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' अभियान का पहले ही दिन व्यापक असर देखने को मिला. अभियान के पहले 24 घंटों के भीतर राजधानी में 3,700 से अधिक वाहनों का चालान किया गया, जबकि 568 गैर-अनुपालक और गैर-गंतव्य वाहनों को दिल्ली की सीमाओं से वापस लौटा दिया गया.
इसके अलावा 217 गैर-गंतव्य ट्रकों को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की ओर डायवर्ट किया गया, ताकि अनावश्यक रूप से दिल्ली में वाहनों की एंट्री रोकी जा सके. वहीं पेट्रोल पंपों पर बिना सर्टिफिकेट तेल न मिलने के कारण पीयूसी केंद्रों पर लंबी कतारें नजर आईं.
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को बताया कि यह आंकड़े न केवल सख्त प्रवर्तन को दर्शाते हैं, बल्कि जनता के बढ़ते सहयोग का भी संकेत हैं. उन्होंने कहा कि अभियान के साथ-साथ पीयूसीसी (Pollution Under Control Certificate) बनवाने की मांग में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. 17 और 18 दिसंबर के बीच सिर्फ 24 घंटों में 61,000 से अधिक पीयूसी प्रमाण पत्र जारी किए गए, जो यह दिखाता है कि लोग नियमों को लेकर जागरूक हो रहे हैं.

सीमाओं और पेट्रोल पंपों पर कड़ा प्रवर्तन
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने राजधानी के प्रमुख बॉर्डर पॉइंट्स, टोल प्लाजा और पेट्रोल पंपों पर सघन जांच अभियान चलाया. पहले दिन करीब 5,000 वाहनों की जांच की गई. वैध पीयूसीसी न होने पर 3,746 वाहनों का चालान काटा गया, जबकि नियमों का पालन न करने वाले कई वाहनों को सीमा से ही लौटा दिया गया.
पेट्रोल पंपों पर भी सख्ती देखने को मिली. बिना वैध पीयूसीसी वाले वाहनों को ईंधन देने से इनकार किया गया, जिससे कई जगह कतारें लग गईं. पेट्रोल पंप संचालकों ने बताया कि ग्राहकों की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन सरकार के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. दस्तावेजों की जांच के लिए कई स्थानों पर मैन्युअल चेकिंग की गई, जबकि बॉर्डर पॉइंट्स पर स्मार्ट प्लेट रीडर डिवाइस और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का इस्तेमाल किया गया.
पर्यावरण मंत्री ने कई जगह किया निरीक्षण
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने दिल्ली-गुरुग्राम सीमा और जनपथ स्थित पेट्रोल पंपों का दौरा कर अभियान की जमीनी हकीकत का जायजा लिया. उन्होंने कर्मचारियों और वाहन चालकों से बातचीत करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि वैध पीयूसीसी के बिना किसी भी वाहन को ईंधन न दिया जाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नियमों को सख्ती के साथ, लेकिन शालीनता और संवेदनशीलता से लागू किया जाए.
सिरसा ने कहा, “यह अभियान चालान काटने के लिए नहीं, बल्कि स्वच्छ हवा और जनस्वास्थ्य के लिए है. एक दिन में 60 हजार से अधिक लोगों द्वारा पीयूसीसी बनवाना बताता है कि जनता इस लड़ाई में सरकार के साथ खड़ी है.”

GRAP-IV के तहत सीमाओं पर सख्त निगरानी
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि GRAP-IV के आदेश लागू होने के बाद से दिल्ली की सभी सीमाओं पर स्टाफ तैनात है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कुल 126 बॉर्डर हैं, जिनमें से 56 बॉर्डर जोन-2 में आते हैं, जबकि प्रमुख बॉर्डरों पर अतिरिक्त ट्रैफिक स्टाफ, लोकल पुलिस, बाहरी बल और परिवहन विभाग की टीमें तैनात की गई हैं.
उन्होंने बताया कि GRAP-IV के तहत BS-6 से नीचे की, दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड गाड़ियों की एंट्री प्रतिबंधित है. अब तक 2,743 पीयूसीसी से जुड़े चालान और 287 चालान GRAP-IV उल्लंघन के तहत किए जा चुके हैं. उन्होंने जनता से अपील की कि दिल्ली में प्रवेश करने से पहले सभी दिशा-निर्देश पढ़ लें और उनका पालन करें, ताकि उन्हें भी परेशानी न हो और ट्रैफिक मूवमेंट बाधित न हो.
चार मोर्चों पर प्रदूषण के खिलाफ जंग
दिल्ली सरकार का कहना है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वह केवल वाहनों पर ही नहीं, बल्कि चार प्रमुख मोर्चों वाहन उत्सर्जन, सड़क व निर्माण धूल, औद्योगिक प्रदूषण और कचरा प्रबंधन पर एक साथ काम कर रही है. बीते 24 घंटों में 2,300 किलोमीटर सड़कों की मैकेनिकल सफाई, 5,524 किलोमीटर क्षेत्र में मोबाइल एंटी-स्मॉग गनों की तैनाती और 132 अवैध कचरा डंपिंग साइट्स को बंद किया गया है. इसके साथ ही लैंडफिल स्थलों पर 38,019 मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का निस्तारण किया गया.
सरकार ने साफ किया है कि ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान और GRAP-IV के तहत सख्त कार्रवाई आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी. अधिकारियों ने वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अपने पीयूसी प्रमाण पत्र समय पर अपडेट रखें, ताकि चालान और असुविधा से बचा जा सके और दिल्ली की हवा को साफ करने की साझा कोशिश सफल हो सके.