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15 दिन लगातार समोसा-जलेबी खाने से शरीर पर क्या असर होगा? हार्ट और लिवर के डॉक्टर्स से जानें

Samosa and Jalebi Nutrition Fact: समोसा और जलेबी आजकल देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसे में हर किसी के मन में सवाल है कि यदि कोई रोजाना समोसा-जलेबी खाता है तो वो किस तरह से शरीर के लिए अनहेल्दी हो सकता है? इस बारे में हार्ट और लिवर डॉक्टर ने क्या कहा, इस बारे में जानेंगे.

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लगातार समोसा-जलेबी खाने से लिवर और हार्ट हेल्थ पर असर हो सकता है.
लगातार समोसा-जलेबी खाने से लिवर और हार्ट हेल्थ पर असर हो सकता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने तथा मोटापे और गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए सभी सरकारी मंत्रालयों, विभागों और संस्थानों को 'ऑयल एंड शुगर बोर्ड' लगाने के निर्देश दिए हैं. उनका कहना है कि ऐसे पोस्टर या डिजिटल बोर्ड लगाए जाएं जिससे लोगों को पता रहे कि आप कितना फैट और शुगर खा रहे हैं. ये बोर्ड स्कूलों, ऑफिसों, सार्वजनिक संस्थानों आदि जगह लगाए जाएंगे. इसमें रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में मौजूद फैट और शुगर के बारे में जानकारी होगी.

देश में कई ऐसे लोग हैं जहां समोसा-जलेबी को नाश्ते के रूप में रोजाना खाया जाता है. पारंपरिक भारतीय स्नैक्स (जैसे समोसा, वड़ा पाव और जलेबी) आमतौर पर तले हुए और कैलोरी से भरपूर होते हैं, जिनमें भारी मात्रा में अनहेल्दी फैट और एक्स्ट्रा चनी होती है और आम तौर पर बिकने वाले रूप में इनमें फाइबर या पोषक तत्व बहुत कम होते हैं अब ऐसे में हमने हार्ट और लिवर डॉक्टर से जाना कि यदि कोई लगातार 15 दिन तक समोसा-जलेबी खाता है तो उसकी सेहत पर क्या असर हो सकता है. तो आइए यह जानने से पहले समोसा और जलेबी के न्यूट्रिशन भी जान लीजिए.

  समोसा (100 ग्राम) जलेबी (100 ग्राम)
कैलोरी 261 कैलोरीज 300 कैलोरीज
प्रोटीन 3.5 ग्राम 2.6 ग्राम
कार्ब 24 ग्राम 58 ग्राम
कुल फैट 17 ग्राम 7 ग्राम
ट्रांसफैट 0.6 ग्राम --
पॉलीअनसैचुरेटेड फैट 4.8 ग्राम 0.4 ग्राम
मोनोअनसैचुरेटेड फैट 4.2 ग्राम 2 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल 27 ग्राम 17 ग्राम
फाइबर 2.1 ग्राम 0.8 ग्राम
सोडियम 423 मिलीग्राम 9.4 ग्राम

(Source: Nutrition.Fact)

समोसा-जलेबी खाने से लिवर पर होगा कैसा असर?

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बेंगलुरु के स्पर्श हॉस्पिटल में एचपीबी और लिवर ट्रांसप्लांट सर्विसेस के कंसल्टेंट डॉ. गौतम कुमार ने Aajtak.in को बताया, 'जब कोई कहता है कि समोसा-जलेबी शरीर के लिए हानिकारक होते हैं तो वो क्या बोलना चाहता है क्या ये आप जानते हैं? दरअसल, वो कहना चाहता है समोसे-जलेबी डीप फ्राई होते हैं और वो सेहत के लिए अच्छे नहीं माने जाते. जब कोई अत्यधिक शुगर और तली हुई चीजों को लगातार खाता है तो उसका असर उसके शरीर में दिखने लगता है.'

'यदि कोई पंद्रह दिन तक लगातार समोसा और जलेबी खाता है तो मेरे हिसाब से अधिक प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए लेकिन जब वही चीज वो लगातार कई महीनों-सालों तक खाते रहते हैं तो उससे बॉडी में काफी गलत असर हो सकता है.'

'समोसे में मौजूद अनहेल्दी फैट्स से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और ब्लॉकेज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ज्यादा फैट शरीर को इंसुलिन रेज़िस्टेंट बना सकता है, जिससे ब्लड शुगर नहीं कंट्रोल होता और ये धीरे-धीरे डायबिटीज़ में बदल सकता है. ट्रांस फैट्स से मेमोरी कमजोर हो सकती है जिससे मूड स्विंग और याददाश्त संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. अधिक फैट डाइजेशन को धीमा करता है जिससे एनर्जी कम होती है और नींद आती रहती है.'

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'अधिक चीनी खाने से आपका तुरंत इंसुलिन स्पाइक होता है. जैसे ही इंसुलिन स्पाइक होता है तो बॉडी को मैसेज पहुंचता है कि शुगर अधिक आ गई है, इसे जल्दी से भविष्य के लिए स्टोर कर लो. अब जैसे ही आप रोज-रोज इतनी एक्स्ट्रा चीनी खाते हैं तो लगातार फैट स्टोर होने से आपका वजन बढ़ने लगता है. मोटापा बढ़ने से फैटी लिवर, हार्ट के प्रॉब्लम, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की समस्याएं भी होने लगती हैं.'

'हालांकि ये समस्याएं लॉन्ग टर्म में काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं. आप चाहें को महीने में 1 बार इन चीजों को टेस्ट के लिए खा सकते हैं लेकिन वो भी आप घर पर बनाकर खाएं. समोसे को हेल्दी रखने के लिए आप एयर फ्रायर का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे उसे तलने की जरूरत नहीं होगी.'

समोसा-जलेबी खाने से हार्ट पर होगा कैसा असर?

दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल एंड क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. अमर सिंघल ने Aajtak.in को बताया, 'समोसा और जलेबी का अधिक सेवन कार्डियोलॉजिस्ट बॉडी के लिए अनहेल्थी होते हैं लेकिन वो डायरेक्ट हार्ट पर अचानक प्रभाव नहीं डालते लेकिन लंबे समय में इससे हार्ट और कोलेस्ट्रॉल की समस्याएं हो सकती हैं.'

'समोसा और जलेबी को वेजिटेबल ऑयल में बनाया जाता है तो ट्रांस फैट और सेचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक हो जाती है. ट्रांस फैट और सेचुरेटेड फैट दोनों ही एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर हार्ट हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और ट्रांस फैट के मामले में, एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम कर सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ जाता है. वैसे शरीर को ट्रांस फैट की आवश्यकता नहीं होती इसलिए इससे बचना चाहिए. सेचुरेटेड फैट को भी दैनिक कैलोरी सेवन के 10 प्रतिशत से कम ही रहना चाहिए. यानी कि अगर कोई 2000 कैलोरी लेता है तो उसकी 200 कैलोरी से कम सेचुरेटेड फैट से आना चाहिए.'

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'यदि लगातार कोई 15 दिन तक भी समोसा-जलेबी खाता है तो उसका वजन बढ़ेगा औप उससे कोलेस्ट्रोल भी इंक्रीज होगा जो कि हार्ट पर सीधा इफेक्ट डालता है. धीरे-धीरे हार्ट के अंदर बहुत सारी तकलीफें शुरू हो जाएंगी. लगातार वही स्थिति बनी रहने से सीवियर हार्ट कंडीशन हो सकती है इसलिए सभी को संभलकर ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए.'

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