लिवर हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग माना जाता है. हमारी बॉडी को अगर एक किचन माना जाए, तो लिवर उस किचन का शेफ है. किचन में चाहे कितने भी बर्तन क्यों न हों, बिना शेफ के वह किचन काम नहीं करता. ठीक उसी तरह, हमारा लिवर फैट मैनेजमेंट और डिटॉक्सिफिकेशन का काम संभालता है. लेकिन जब लिवर पर ज्यादा भार पड़ता है, जैसे कि फैटी लिवर की स्थिति हो, तो यह शरीर के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.
फैटी लिवर (Fatty Liver) क्या है?
फैटी लिवर तब होता है जब नॉर्मल से ज्यादा फैट लिवर में जमा हो जाता है, जिससे लिवर की फंक्शनिंग कमजोर हो जाती है. फैटी लिवर 2 तरह का होता है-
1. एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) – शराब के ज्यादा सेवन से होता है.
2.नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) – यह ज्यादा मोटापे, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, या बाकी मेटाबॉलिक समस्याओं की वजह से होता है.
फैटी लिवर के लक्षण
ये हैं फैटी लिवर के लक्षण:
- जल्दी थकान महसूस होना
- पेट में सूजन या फूलना
- अचानक वजन घटना या बढ़ना
- भूख न लगना
- कंसंट्रेशन में कमी
- दिमागी कन्फ़्यूजन
फैटी लिवर से बचाव के टिप्स
1. शरीर के सभी दोषों के बीच बैलेंस बनाकर रखें
आयुर्वेद के अनुसार हमारी बॉडी तीन दोषों – वात, पित्त और कफ – से मिलकर बनी है. इनमें से किसी का असंतुलन लिवर की समस्याओं को जन्म दे सकता है. विशेषकर पित्त दोष (अग्नि तत्व) का सही संतुलन आवश्यक है. नियमित प्रकृति में समय बिताएं और योगासन जैसे अधोमुखी श्वानासन, पश्चिमोत्तानासन आदि से पित्त दोष को नियंत्रित करें.
2. हेल्दी डाइट अपनाएं
- हरी सब्जियां जैसे मेथी, पालक, पुदीना और करीपत्ता लिवर की सेहत के लिए फायदेमंद हैं.
- ब्राउन राइस, ओट्स जैसे साबुत अनाज डाइट में शामिल करें जो धीरे-धीरे पचें और फैट के जमा होने को रोकें.
- अदरक और लहसुन जैसे एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स लिवर के कार्य को बेहतर बनाते हैं.
- रिफाइंड तेल की जगह घी या मक्खन का उपयोग करें.
3. पेट की एक्स्ट्रा चर्बी को कम करें
पेट (एब्डोमेन) की अतिरिक्त चर्बी लिवर पर दबाव डालती है और इंफ्लेमेशन बढ़ाती है. वजन घटाने के लिए कैलोरी नियंत्रण और नियमित व्यायाम जरूरी है. 10-15% वजन कम करना लिवर की सेहत में महत्वपूर्ण सुधार ला सकता है.
4.मसल मास को बढ़ाएं
मसल मास बेहतर मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन सेंसिटिविटी के लिए जरूरी है. प्रोटीन युक्त आहार और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मसल मास बढ़ाएं ताकि लिवर को नुकसान से बचाया जा सके.
5. डिटॉक्स जूस और पानी पिएं
संतरे, गाजर, हल्दी वाले जूस रोजाना पेट साफ करते हैं, शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और टॉक्सिंस बाहर निकालते हैं.
6. पाचन तंत्र (गट) को हेल्दी रखें
हेल्दी डाइजेस्टिव सिस्टम लिवर को सहारा देता है. प्रोबायोटिक्स (दही, किमीची, कोंजी) और प्रीबायोटिक्स वाले खाद्य पदार्थ पाचन को बेहतर बनाते हैं.