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रोजाना की ये आदतें धीरे-धीरे खत्म करती हैं शरीर में हैप्पी हार्मोन, आज से ही सुधारें

कुछ रोजाना की आदतें चुपचाप आपके मूड को खराब कर देती हैं, जिससे आप बिना किसी कारण के चिड़चिड़े और थके हुए महसूस करते हैं. आइए जानते हैं उन आदतों के बारे में-

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हमारे शरीर में हैप्पी हार्मोन होते हैं जो आपको खुश रखने,  मूड को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. लेकिन रोजाना की कुछ आदतों के कारण आपके शरीर में हैप्पी हार्मोन जैसे सेरोटोनिन, डोपामाइन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन का लेवल कम होने लगता है. जब आप स्ट्रेस, खराब लाइफस्टाइल जीते हैं तो इससे हैप्पी हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिससे चिंता, थकान , चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन की दिक्कत होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी इन खराब आदतों में सुधार करें. आज हम आपको कुछ ऐसी खराब आदतों के बारे बताने जा रहे हैं जो आपके हैप्पी हार्मोन को खत्म करती हैं.

नाश्ता छोड़ना- नाश्ता न करने से ब्लड शुगर लेवल में इंबैलेंस पैदा होता है, जिससे चिड़चिड़ापन और थकान हो सकती है. इससे सेरोटोनिन और डोपामाइन के प्रोडक्शन के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति में कमी आती है.  अपने दिन की शुरुआत प्रोटीन, हेल्दी फैट और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट युक्त पोषक तत्वों से करें.

सोशल मीडिया का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल- सोशल मीडिया पर लगातार स्क्रॉल करने से डोपामाइन का लेवल बढ़ सकता है, जिसके बाद वह अचानक बंद हो जाता है, जिससे  चिंता की भावनाएँ पैदा होती हैं. स्क्रीन पर समय की सीमा तय  करें.

फिजिकल एक्टिविटी ना करना- फिजिकल एक्टिविटी ना करने से शरीर में एंडोर्फिन और डोपामाइन हार्मोन के प्रोडक्शन में कमी आती है, जो स्ट्रेस कम करने और मूड को बेहतर बनाने के लिए जरूरी होते हैं. हैप्पी हार्मोन को रिलीज करने से लिए रोज टहलें, स्ट्रेचिंग करें और डांस करें.

पर्याप्त धूप न मिलना-नेचुरल धूप ना मिलने की वजह से शरीर में विटामिन डी का लेवल कम हो जाता है, जिसका सीधा संपर्क आपके सेरोटोनिन हार्मोन के प्रोडक्शन पर पड़ता है. इसे ठीक करने के लिए दिन में कम से कम 15-20 मिनट, खासकर सुबह के समय, बाहर निकलें.

खराब नींद -पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेने से सेरोटोनिन और डोपामाइन के प्रति संवेदनशीलता कम हो जाती है और कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है, ये एक स्ट्रेस हार्मोन होता है.

चीनी और जंक फूड का ज्यादा सेवन- रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड फूड्स डोपामाइन के लेवल में तेजी से उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं, जिससे चिड़चिड़ापन और खाने की क्रेविंग बढ़ती है. मीठी चीजों की बजाय फल, नट्स और डार्क चॉकलेट खाएं.

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