ओजेम्पिक, वेगोवी और मौनजारो जैसी दवाएं इन दिनों वजन घटाने के लिए बहुत ट्रेंड में है. ये दवाएं ब्लड शुगर को कंट्रोल करती हैं, भूख कम करती हैं. लेकिन हाल ही में एक नई रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि इन दवाओं से आंखों की गंभीर समस्याएं और अचानक रोशनी कम होने का खतरा हो सकता है. घबराने या दवा छोड़ने से पहले, इस रिपोर्ट में जानिए इन चौंकाने वाले नतीजों के बारे में और यह आपकी आंखों की सेहत के लिए क्या मायने रखते हैं.
इन दवाओं को लेने से जो सबसे गंभीर बीमारी आपको हो सकती है वो NAION (नॉन-आर्टेरिटिक एंटीरियर इस्केमिक ऑप्टिक न्यूरोपैथी) है. ये एक दुर्लभ आंखों की बीमारी है जिसे 'आंख का स्ट्रोक' भी कहा जाता है. ये तब होता है जब ऑप्टिक नर्व में अचानक खून का बहाव कम हो जाता है या रुक जाता है. डॉक्टर्स को अभी तक इसका सटीक कारण नहीं पता है और इस समय में इसका कोई इलाज भी मौजूद नहीं है.
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ये रोग होने की संभावना पहले से ही बहुत ज्यादा होती है. NAION में आमतौर पर एक आंख की रोशनी अचानक और बिना दर्द के चली जाती है, जो अक्सर सुबह उठते ही महसूस होती है. अगले कुछ हफ्तों में नजर और भी खराब हो सकती है, फिर स्थिर हो जाती है. लेकिन लगभग 70% मामलों में नजर कभी पूरी तरह वापस नहीं आती.
2024 की गई एक रिसर्च में पाया गया था कि डायबिटीज से पीड़ित जो लोग सेमाग्लूटाइड लेते हैं, उनमें NAION होने की संभावना चार गुना ज्यादा होती है, जबकि वजन घटाने के लिए इसे लेने वालों में यह जोखिम लगभग आठ गुना ज्यादा होता है. इसी वजह से, यूरोपीय औषधि एजेंसी अब NAION को एक बहुत ही दुर्लभ दुष्प्रभाव के रूप में लिस्ट करती है, जो लगभग 10,000 लोगों में से 1 को होता है.
इन दवाओं पर अलर्ट वाला लेबल लगाना बहुत जरूरी कर दिया गया है. GLP-1 दवाएं आंखों की एक अन्य गंभीर समस्या डायबिटिक रेटिनोपैथी को भी बदतर बना सकती हैं. ये कंडीशन तब होती है जब हाई ब्लड प्रेशर रेटिना की छोटी-छोटी खून की नसों को नुकसान पहुंचाता है. कुछ मामलों में, ब्लड शुगर में तेज गिरावट इन नसों को और ज्यादा नाजुक बना सकती है, जिससे आंख के अंदर ब्लीडिंग हो सकती है.
अमेरिका में टाइप 2 डायबिटीज के लाखों मरीजों पर 2 साल तक दो रिसर्च हुईं. पहली रिसर्च में पाया गया कि सेमाग्लूटाइड या टिरजेपेटाइड लेने वालों में NAION का खतरा थोड़ा ज्यादा था लगभग 0.04%, जबकि दवा न लेने वालों में यह 0.02% था. इसके साथ ही उनमें कुछ और ऑप्टिक नर्व की समस्याएं भी थोड़ी बढ़ी थीं.
दूसरी रिसर्च में NAION का खतरा नहीं बढ़ा, लेकिन डायबिटिक रेटिनोपैथी के मामले थोड़ा ज्यादा थे. अच्छी बात ये है कि GLP-1 दवाएं लेने वालों में आंख की गंभीर समस्याएं कम हुईं और उन्हें दूसरे मरीजों की तुलना में कम मुश्किल इलाज की जरूरत पड़ी.
ओजेम्पिक, वेगोवी और मौंजारो जैसी GLP-1 दवाएं बहुत असरदार होती हैं. ये ब्लड शुगर कंट्रोल करने, वजन कम करने, हार्ट अटैक का खतरा घटाने और उम्र बढ़ाने में मदद कर सकती हैं. लेकिन अगर आपको पहले से ही स्लीप एपनिया, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या ऑप्टिक नर्व का छोटा आकार जैसी समस्याएं हैं, तो आपको चौंकन्ना रहता होगा. दरअसल, ये समस्यां NAION का खतरा बढ़ा सकती हैं. ऐसी स्थिति में ये दवाएं शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.