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Women Health: डिलीवरी के बाद पेट दर्द न करें नजरअंदाज! हो सकती है गंभीर बीमारी, न्यूट्रिशनिस्ट ने किया सावधान

डिलीवरी के बाद महिलाओं में हार्मोनल बदलाव और बदलती डाइट के कारण गॉल ब्लैडर स्टोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, हार्मोनल असंतुलन पित्ताशय की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है जिससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है.

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पित्ताशय में किडनी का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है. (Photo: AI-generated)
पित्ताशय में किडनी का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है. (Photo: AI-generated)

Women Health: डिलीवरी से पहले और बाद में महिलाओं के शरीर में कई बदलाव से गुजरता है, इस वक्त उनको होने वाले हार्मोनल असंतुलन और बदलते मेटाबॉलिज्म के कारण डिलीवरी के बाद कई स्वास्थ्य दिक्कतों से गुजरना पड़ सकता है. ऐसे में हाल ही में न्यूट्रिशनिस्ट अनीता गाडरे ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि डिलीवरी के बाद महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन यानी पित्ताशय में पथरी होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले महीने उन्होंने केवल एक महीने में ही छह ऐसे मामले देखे गए हैं, जिनमें डिलीवरी के बाद लेडीज को पित्ताशय में पथरी की समस्या हुई. डिलीवरी के बाद हार्मोन में बदलाव पित्ताशय की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं.

हार्मोनल बदलावों के कारण पित्ताशय का खाली होना धीमा हो जाता है, जिससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही कई महिलाओं की डिलीवरी के बाद की डाइट ज्यादा  घी, बटर और तेल जैसी फैटी चीजों से भरपूर होती है जो पथरी के बनने की संभावना को और बढ़ा देती है.

अनीता गाडरे के मुताबिक डिलीवरी के बाद महिलाएं अक्सर वजन कम करने पर ज्यादा ध्यान देती हैं और केवल शुगर कम करने पर ध्यान देती हैं. इस दौरान फाइबर और सब्जियों की पर्याप्त मात्रा डाइट में शामिल नहीं होती, जिससे गॉल ब्लैडर स्टोन का खतरा और बढ़ जाता है.

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गॉल ब्लैडर स्टोन से बचने और उसे कंट्रोल करने के तरीके

  • डिलीवरी के बाद घी, बटर और तेल का अधिक सेवन न करें.
  • बहुत ज्यादा मिठाई और शुगर वाले व्यंजन खाने से बचें.
  • बैलेंस डाइट लें और फाइबर पर्याप्त मात्रा में शामिल करें.
  • खूब पानी पीएं और हाइड्रेट रहें.
  • रोजाना हल्की वॉक करें.

गुरुग्राम के मदरहुड हॉस्पिटल्स की न्यूट्रिशन और लेक्टेशन एक्सपर्ट डॉ. निशा भी कहती हैं कि डिलीवरी के बाद महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन आम है. हार्मोनल बदलावों और तेजी से वजन घटाने की वजह से पित्ताशय में पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है.

कुछ महिलाओं में पथरी के लक्षण भी नहीं दिखाई देते हैं, हालांकि कभी-कभी पेट के ऊपरी हिस्से के दाहिनी तरफ तेज दर्द, उल्टी, मितली या फैटी फूड खाने के बाद अपच जैसी दिक्कतें होती हैं. डॉ. निशा ने कहा कि महिलाओं को समय रहते ही बचने के तरीके अपनाने चाहिए.

  • फाइबर, फल और सब्जियों से भरपूर संतुलित डाइट लें, बहुत ज्यादा फैटी खाने से बचें.
  • पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं और धीरे-धीरे हेल्दी तरीके से वजन कम करें.
  • नियमित मेडिकल चेक-अप और जब जरूरत हो तो पेट का अल्ट्रासाउंड करवाना भी समय पर गॉल ब्लैडर स्टोन का पता लगाने के लिए जरूरी है.
  • इसके अलावा न्यू मदर्स के लिए यह समझना जरूरी है कि सही डाइट, हाइड्रेशन और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज से पथरी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है और यह उनकी सेहत में सुधार ला सकता है. 
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