
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उन्नाव रेप कांड के दोषी और पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित करते हुए उसे जमानत दे दी.
दरअसल सेंगर को 2019 में, उन्नाव रेप मामले में भारतीय दंड संहिता यानि आईपीसी के प्रावधान और 'पॉक्सो' में 'एग्रेवेटेड पेनिट्रेटिव सेक्शुअल असॉल्ट', यानी गंभीर यौन हिंसा के प्रावधान के तहत उम्र कैद की सजा दी गई थी. जब कोई ‘पब्लिक सर्वेन्ट’ यानि लोक सेवक ऐसे मामले में दोषी होता है तो उसे और सख्त सजा दी जाती है. कोर्ट के हालिया फैसले के मुताबिक सेंगर तकनीकी रूप से ‘लोक सेवक’ नहीं थे. वो एक विधायक थे और उन्हें आईपीसी (अब बीएनएस) या पॉक्सो के तहत परिभाषित 'लोक सेवक' नहीं माना जा सकता. लिहाजा उन पर लोक सेवकों के लिए निर्धारित कड़ी सजा के प्रावधान लागू नहीं होने चाहिए. हालांकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत विधायकों और सांसदों को 'लोक सेवक' के रूप में मान्यता दी गई है.
इसी संदर्भ में सेंगर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रही है जिसमें वो फूल-माला पहने हुए तिहाड़ जेल के सामने अपने समर्थकों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. तस्वीर को शेयर करते हुए कई लोगों का कहना है कि जमानत मिलने पर जेल से बाहर के बाद सेंगर के समर्थकों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया.
मिसाल के तौर पर फेसबुक पर एक व्यक्ति ने लिखा, “जघन्य अपराधी ओर रेपिस्ट कुलदीप सेंगर का जेल से बाहर निकलने पर कैसे फुल मालाऐ पहना कर स्वागत किया जा रहा है आक थू है ऐसे लोगों पर जो एक हत्यारे ब्लात्कारी का स्वागत इस तरह से करते हैं.”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि सेंगर अभी भी जेल में हैं. ये तस्वीर AI की मदद से बनाई गई है.
कैसे पता की सच्चाई?
रिपोर्ट्स के मुताबिक सेंगर अभी भी जेल में ही हैं. उनके वकील कन्हैया सिंघल ने भी हमें बताया कि वो फिलहाल जेल में हैं और बाहर नहीं आए हैं. दरअसल उन्हें रेप के एक मामले में राहत मिली है लेकिन वो एक अन्य मामले में अब भी सजा काट रहे हैं. साल 2020 में उन्हें पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में 10 साल की सजा हुई थी. ऐसे में जेल से बाहर आने की बात बिल्कुल बेबुनियाद है.
इसके अलावा इस तस्वीर में कई गड़बड़ियां मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि इसे AI से बनाया गया है. मिसाल के तौर पर इसमें दिख रहे पोस्टर्स पर अटपटे-से शब्द लिखे हैं जिनका कोई अर्थ नहीं है. सेंगर के बगल में खड़े आदमी की उंगलियां अजीब-सी दिख रही हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें Gemini का लोगो साफ तौर पर दिख रहा है. Gemini गूगल का AI मॉडल है जिसके जरिए मनमाफिक तस्वीरें बनाई जा सकती हैं.

हमने AI डिटेक्शन टूल्स की मदद से इस तस्वीर को टेस्ट किया. Hive Moderation और Sightengine दोनों ही टूल्स ने इस तस्वीर के AI से बने होने की 99 फीसदी संभावना बताई. Gemini ने भी बताया कि इस तस्वीर को गूगल के AI टूल से बनाया या एडिट किया गया है. सेंगर के वकील ने भी इस तस्वीर को फर्जी बताया है.

साफ है कि फूल-माला से स्वागत वाली कुलदीप सिंह सेंगर की ये तस्वीर असली नहीं है. हालांकि बीते सालों में ऐसे कई मामले देखे गए हैं जब दुष्कर्म के आरोपियों का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया.