लोहे की पटरियों पर सरपट दौड़ती ट्रेन, और ट्रेन ने रेस लगाते तेंदुए का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें एक तेंदुए को चलती ट्रेन में बैठे पैसेंजर्स पर हमला करते हुए देखा जा सकता है.
इस वीडियो में ट्रेन के अंदर बैठे लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी जा सकती है. तेंदुआ उछलकर ट्रेन की खिड़कियों पर अपने पंजे मारता है. इसके अलावा वो दरवाजे के एकदम नजदीक खड़े व्यक्ति पर भी हमला कर देता है. कुछ लोग इस वीडियो को महाराष्ट्र के अमरावती की असली घटना का बताकर शेयर कर रहे हैं.
मिसाल के तौर पर फेसबुक पर एक व्यक्ति ने लिखा, “अमरावती बडनेरा, गोपाल नगर के पास चलती ट्रैन में तेंदुआ का हमला, एक मुसाफिर शहीद. ट्रेन का दरवाजा हमेशा बन्द रखें जब भी जंगल से रेल पास हो या किसी खेत से, खतरा हमेशा बना रहता है जंगली जानवरों के हमले से. दरवाजे बंद रखे.”
ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये किसी असल घटना का वीडियो नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI के जरिए बनाया गया है.
कैसे पता की सच्चाई?
अगर वाकई हाल-फिलहाल में इस तरह की कोई घटना हुई होती तो तमाम न्यूज संस्थानों ने इसपर खबरें जरूर छापी होतीं. लेकिन हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. इसके अलावा गौर से देखने पर इस वीडियो में कई गड़बड़ियां नजर आती हैं जिनसे इसके असली होने पर शक पैदा होता है.
मिसाल के तौर पर वीडियो की ऑडियो काफी बनावटी-सी लगती है. पटरियों पर दौड़ लगाता तेंदुआ वीडियो में कई जगह अचानक गायब हो जाता है. कई बार ये पूरी तरह से गायब हो जाता है, तो कई बार इसके शरीर के कुछ हिस्से ही गायब होते हैं. इसके अलावा तेंदुए का मुंह और इसके पैर भी अटपटे-से नजर आते हैं.

लोकल मराठी न्यूज आउटलेट्स के मुताबिक अमरावती वन विभाग के रेस्क्यू टीम के अधिकारी अमोल गावनेर ने भी इस वीडियो को फर्जी बताया है और कहा है कि अमरावती के गोपाल नगर रेलवे ट्रैक पर तेंदुए के हमले की ऐसी कोई घटना नहीं हुई है.
हमने इस वीडियो और इसके अलग-अलग फ्रेम्स को AI डिटेक्टर टूल्स की मदद से सर्च किया. Sightengine टूल ने इस वीडियो के AI से बने होने की 85 फीसदी संभावना बताई.

साफ है कि जिस वीडियो को अमरावती में चलती ट्रेन पर तेंदुए के हमले का बताकर शेयर किया जा रहा है, वो असली नहीं बल्कि AI से बना है.