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कभी रेडि‍यो पर 100 रुपये की नौकरी करते थे उदित नारायण, बताया- कैसे मिली शोहरत

सिंगर उदित नारायण ने सफाईगीरी अवॉर्ड्स 2019 में अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बताया. सिंगर ने बताया कि शुरुआती दिनों में उन्होंने काठमांडू के रेड‍ियो स्टेशन में 100 रुपए की नौकरी की थी. जानें पूरा किस्सा..

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उदित नारायण ( फोटो क्रेडिट: Vikram Sharma)
उदित नारायण ( फोटो क्रेडिट: Vikram Sharma)

बॉलीवुड के मशहूर सिंगर उदित नारायण ने सफाईगीरी अवॉर्ड्स 2019 में अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बताया. सिंगर ने बताया कि शुरुआती दिनों में उन्होंने काठमांडू के रेड‍ियो स्टेशन में 100 रुपए की नौकरी की थी. जानें पूरा किस्सा..

उदित नारायण ने कहा- मेरे पिता कहते थे तुम्हारे पिता किसान हैं तुम कहां मुंबई का सपना देख रहे हो. ये संभव नहीं है. पढ़ो लिखो इंजीनियर डॉक्टर बनो.  SSC के बाद कोई रास्ता नहीं मिल रहा था. फिर काम के लिए मैं काठमांडू गया. 100 रुपए की नौकरी की रेडियो स्टेशन में. 6-7 साल वहां काम किया. मुझे वहां बहुत तकलीफ होती थी. ना मेरा वहां घर था, 100 रुपए में काम नहीं चलता था. फाइव स्टार होटल में गाने गाए, रात को कॉलेज किया. फिर मुझे म्यूजिकल स्कॉलरशिप मिली. फिर मैं मुंबई आया. 7-8 साल संगीत का ज्ञान लिया. म्यूजिक डायरेक्टर्स से मिला. फिर मुझे काम मिलता गया. 10 साल के स्ट्रगल के बाद मुझे पहला हिट गाना कयामत से कयामत तक फिल्म में मिला. तब से ये सफर जारी है.

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उदित नारायण के गांव में नहीं थी बिजली

उदित नारायण ने बताया कि मैं जिस गांव में पैदा हुआ हूं वो सोपोर जिले में हैं. मेरी पढ़ाई लिखाई बिहार से हुई. SSC बिहार में की. जहां पैदा हुआ 70-72 साल से वहां बिजली नहीं थी. एक दिन मेरा नालंदा में फंक्शन था. वहां चीफ गेस्ट नीतीश कुमार थे. मैंने स्टेज से उनसे कहा कि आपको मेरा एक काम करने पड़ेगा. वो सोच में पड़ गए. मैंने कहा- जहां मैं पैदा हुआ वहां 70-72 साल से बिजली नहीं है. वहां 1 हफ्ते में उन्होंने वहां बिजली लगा दी.

बिहार की बाढ़ पर क्या बोले उदित नारायण?

बिहार में इस साल आई बाढ़ पर उदित नारायण ने दुख जताया. उन्होंने कहा- बिहार की बाढ़ पर मुझे रोना आता है. कई रातें मुझे नींद नहीं आई. आदमी बड़ा हो या छोटा हो, इंसान जहां रहता है उनके दुख को समझना चाहिए.

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