कुछ साल पहले कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से आई ऋषभ शेट्टी की फिल्म 'कांतारा' का, कर्नाटक में कुछ शोज से शुरू होकर, कुछ हफ्तों बाद देश के हर थिएटर में पहुंच जाना एक ऐसी कहानी थी जिसे फिल्म लवर्स शायद ही कभी भूलें. हाल ही में इसी इंडस्ट्री से आई एनिमेशन फिल्म 'महावतार नरसिम्हा' ने भी वैसा ही कमाल दोहराया. अब कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की ही एक और फिल्म इसी रास्ते पर है.
एक्टर-डायरेक्टर जे.पी. थुमिनाड की फिल्म 'सू फ्रॉम सो' कन्नड़ इंडस्ट्री की नई सरप्राइज हिट बन चुकी है. पहले दिन बैंगलोर में 70 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई इस फिल्म के लिए थिएटर्स ने सुबह 6 बजे के शो इसलिए शुरू किए क्योंकि बड़ी-बड़ी फिल्मों के बावजूद दर्शकों की भीड़ इसी फिल्म के लिए आ रही थी. अब हाल ये है कि इस फिल्म को कन्नड़ के बाद मलयालम, तेलुगू और तमिल में भी रिलीज कर दिया गया है. हिंदी में भी इसे रिलीज किए जाने की बात चल रही है. आइए बताते हैं 'सू फ्रॉम सो' ने साउथ में क्या भौकाल बना रखा है.
मेकर्स ने नहीं, जनता ने किया प्रमोशन
फिल्म के प्रोड्यूसर-एक्टर राज बी शेट्टी ने द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया को बताया कि उन्होंने फिल्म की मार्केटिंग के लिए कोई स्ट्रेटेजी नहीं लगाई. उन्होंने मैसूर और मैंगलोर जैसे शहरों में फिल्म के कुछ पेड प्रीव्यू किए और दर्शकों से कह दिया कि 'हम अपनी फिल्म नहीं प्रमोट करने वाले, ना मीडिया के लिए इसकी स्क्रीनिंग रखने वाले हैं. आप ही हमारी फिल्म के सच्चे प्रमोटर हैं, ये जिम्मेदारी आपकी ही होगी.'
राज ने बताया कि उन्हें थोड़ा सा डर तो लगा था कि अगर लोग थिएटर्स में नहीं पहुंचे तो क्या होगा? लेकिन जब पहले दिन से ही शो हाउसफुल होने शुरू हुए, उसके बाद की कहानी देखकर वो खुद हैरान थे. 25 जुलाई, शुक्रवार को बैंगलोर में करीब 70 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई उनकी फिल्म के लिए रविवार के दिन थिएटर्स ने सुबह 6 बजे के शोज भी खोल दिए. बड़ी फिल्मों के बीच, 6 करोड़ के बजट में बनी जिस छोटी फिल्म को बैंगलोर के थिएटर्स ने पहले कमजोर समझा, वीकेंड में वही सबसे बड़ी फिल्म बन गई.
900% मुनाफा कमा चुकी है 'सू फ्रॉम शो'
‘सू फ्रॉम सो’ का जलवा कैसा है, इसे आप बॉक्स ऑफिस आंकड़ों से ज्यादा बेहतर समझ सकते हैं. सैकनिल्क के अनुसार, पहले दिन 78 लाख कमाने वाली ये फिल्म, रविवार खत्म होने तक 6.45 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन कर चुकी थी. अपने बजट से भी थोड़ा ज्यादा.
अबतक 17 दिनों में ये लगभग 63 करोड़ का नेट कलेक्शन कर चुकी है. ये लागत पर 900% से ज्यादा का मुनाफा है. पहले एक हफ्ते में ‘सू फ्रॉम सो’ केवल ऑरिजिनल कन्नड़ वर्जन में चली. दूसरे हफ्ते से इसे मलयालम में भी रिलीज कर दिया गया. अबतक 10 दिन में मलयालम वर्जन की कमाई 4 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है. बीते शुक्रवार, इसका तेलुगू वर्जन भी रिलीज हो गया जो बहुत गिनी चुनी स्क्रीन्स से ही 3 दिन में 50 लाख रुपये कमा चुका है.
हिंदी में भी रिलीज की डिमांड
‘सू फ्रॉम सो’ वैसे तो कन्नड़ फिल्म है, मगर इसका ट्रेलर भर ही लोगों को ये बताने में कामयाब हुए कि हॉरर एलिमेंट को छूने वाली ये फिल्म एक गांव से जुड़ी कॉमेडी भरी कॉमेडी है. मिट्टी से जुड़ी ये उस तरह की फिल्म है जिससे लोग आसानी से कनेक्ट कर पाते हैं. यही वजह रही कि कन्नड़ वर्जन के लिए दर्शकों का रिएक्शन देखते ही मलयालम स्टार दुलकर सलमान की कंपनी इसके डब मलयालम वर्जन को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए तैयार हो गई. तेलुगू डबिंग वर्जन की रिलीज के लिए ‘पुष्पा’ के प्रोड्यूसर, मैत्री मूवी मेकर्स तैयार हो गए.
हिंदी में भी घनघोर सिनेमा लवर्स की नजरें इस फिल्म पर बनी हुई हैं और इसकी कामयाबी की कहानी चर्चा में है. इस मौके को नजर में रखते हुए ही अनिल थडानी की कंपनी ए.ए. फिल्म्स ने इसके हिंदी डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स खरीदे हैं. ये वही कंपनी है जिसने हिंदी में ‘पुष्पा 2’, ‘सालार’ और ‘कल्कि 2898 AD’ जैसी फिल्में डिस्ट्रीब्यूट की हैं. हालांकि, ‘सू फ्रॉम सो’ के प्रोड्यूसर राज बी शेट्टी ने बताया कि उन्हें हिंदी में अपनी फिल्म रीमेक का भी ऑफर मिला है.
क्या है फिल्म की कहानी
‘सू फ्रॉम सो’ शहरी भागदौड़ से मीलों दूर एक छोटे से गांव की कहानी है. इस गांव का एक आदमी एक दिन अपना एक अपराध छुपाने के लिए झूठी कहानी गढ़ता है कि उसपर एक भूतनी का साया है. अब ये आदमी जो कुछ करता है उसे एक अलग नजर से देखा जा रहा है और पूरे गांव का फोकस इस भूतनी से पीछा छुड़ाने पर है. आदमी की जिंदगी देख रहे लोगों का मानना है कि ये भूतनी, सोमेश्वर की एक महिला सुलोचना है. (यहीं से फिल्म को टाइटल मिलता है.) यहां देखिए 'सू फ्रॉम सो' का ट्रेलर:
एक वक्त ऐसा आता है जब अपने साथ गांव वालों के बर्ताव से आदमी की जिंदगी में आफत आने लगती है और अब उसके कहने पर भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं कि वो ठीक है. आदमी ने अपराध क्या किया था, उसके झूठ से गांव में क्या कुछ हो रहा है और क्या वो अब इस झूठ के जाल से बाहर आ पाएगा? यही कहानी है जिसे 'सू फ्रॉम सो' बड़े ह्यूमर और समाज पर व्यंग्य के साथ दिखाती है.