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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 'फौजी' बने प्रभास? नई फिल्म के पोस्टर में छिपी हैं दिलचस्प डिटेल्स...

पैन इंडिया स्टार प्रभास का बर्थडे मना रहे फैन्स को एक सॉलिड रिटर्न गिफ्ट मिला है. उनकी नई फिल्म 'फौजी' का पोस्टर सामने आया है जिसे ध्यान से नोटिस करने पर कहानी की काफी डिटेल्स दिख रही हैं. इस प्लॉट का कनेक्शन भारत की आजादी की लड़ाई और नेताजी सुभाष चंद्र बोस से भी है.

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प्रभास की 'फौजी' का नेताजी सुभाष चंद्र बोस से कनेक्शन (Photo: Instagram/@mythriofficial)
प्रभास की 'फौजी' का नेताजी सुभाष चंद्र बोस से कनेक्शन (Photo: Instagram/@mythriofficial)

मेगास्टार प्रभास गुरुवार को अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. अब उनका बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे फैन्स को बड़ा तोहफा मिला है. प्रभास के बर्थडे के मौके पर, 'पुष्पा 2' जैसी फिल्म बना चुके प्रोडक्शन हाउस मैत्री मूवी मेकर्स ने नई फिल्म का टाइटल पोस्टर शेयर किया है. डायरेक्टर हनु राघवपुड़ी की इस फिल्म को फैन्स अभी तक प्रभास-हनु नाम से एड्रेस कर रहे थे. मगर नए पोस्टर के साथ इसका टाइटल 'फौजी' कन्फर्म कर दिया गया है. 

इससे पहले टाइटल पोस्टर की डेट अनाउंस करते हुए मेकर्स ने एक और पोस्टर शेयर किया था. मगर उसमें प्रभास के चेहरा नहीं था. 'फौजी' की कहानी के बारे में ज्यादा डिटेल्स सामने नहीं आई हैं. मगर दोनों पोस्टर्स में इतनी डिटेल्स छिपी हैं कि इन्हें सही से पढ़ा जाए तो फिल्म के प्लॉट का अंदाजा काफी हद तक लगाया जा सकता है. 

'फौजी' के टाइटल पोस्टर में क्या है?
अभी तक इस फिल्म से प्रभास का फर्स्ट लुक नहीं सामने आया था. मगर अब टाइटल पोस्टर में प्रभास का चेहरा इंटेंस लुक के साथ नजर आ रहा है. उनके चेहरे के सामने ब्रिटिश झंडा जलता हुआ नजर आ रहा है. 'फौजी' की टैगलाइन है- 'अकेले लड़ने वाली एक बटालियन.' ये इशारा है कि प्रभास का किरदार ऐसे फाइटर की तरह है जो अकेले ही सेना की एक बटालियन के बराबर है. इसी पोस्टर पर बहुत हल्के अक्षरों में कुछ और चीजें लिखी हैं. इसमें से एक लाइन संस्कृत में है- 'शौर्यं तेजो धृतिर्दाक्ष्यं'. 

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'फौजी' के पोस्टर में छिपी हैं कहानी की डिटेल्स (Photo: Instagram/@mythriofficial)

ये असल में भगवद्गीता के एक श्लोक का हिस्सा है. पूरा श्लोक है— 'शौर्यं तेजो धृतिर्दाक्ष्यं युद्धे चाप्यपलायनम्, दानमीश्वरभावश्च क्षात्रं कर्म स्वभावजम्'. ये श्लोक एक क्षत्रिय योद्धा के गुण और स्वभाव बताता है. इसका हिंदी में अर्थ है- 'शौर्य, तेज, धृति (दृढ़ता), दाक्ष्य (दक्षता), युद्ध से पलायन न करना, दान और ईश्वर भाव (स्वामी भाव) - ये सब क्षत्रिय के स्वाभाविक कर्म हैं.' 

इसी तरह हल्के अक्षरों में आपको एक और चीज दिखती है- 'ऑपरेशन जी' (Operation Z). इतिहास में जाएं तो दूसरे विश्व युद्ध में ये टर्म इतेमाल की गई थी. जापान ने पर्ल हार्बर पर जो हमला किया था, उसका एक कोडनेम 'ऑपरेशन जी' भी था. मगर अब सवाल उठता है कि 'फौजी' की कहानी में दूसरा विश्व युद्ध कहां से आया? इसका जवाब छुपा है उस पोस्टर में जो इस टाइटल अनाउंसमेंट की डेट अनाउंस करने के लिए शेयर किया गया था. 

दोनों पोस्टर्स मिलकर बता रहे हैं 'फौजी' की ये कहानी 
पिछले पोस्टर में प्रभास का चेहरा तो नहीं था, मगर इसमें कहानी के कई हिंट छुपे थे. इसमें भी गीता का एक श्लोक था, जो क्षत्रिय के गुण बताता है- 'यदृच्छया चोपपन्नं स्वर्गद्वारमपावृतम्'. श्लोक का अर्थ कुछ इस प्रकार है कि 'जो क्षत्रिय अपने धर्म के लिए युद्ध करने के लिए स्वतः प्रेरित होते हैं, वे भाग्यशाली होते हैं और उनके लिए स्वर्ग का द्वार खुला हुआ माना जाता है.' एक जनरल प्रतीक के अर्थ में क्षत्रिय केवल हिंदू धर्म का एक वर्ण नहीं है, बल्कि योद्धाओं के लिए भी इस्तेमाल होने वाला शब्द है. 

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इसी पोस्टर में एक ऐसी लाइन लिखी है जो फिल्म के प्लॉट का बहुत बड़ा हिंट देती है-'मोस्ट वांटेड सिन्स 1932.' इस बात का भारतीय इतिहास से एक बहुत बड़ा कनेक्शन है, जो दूसरे वर्ल्ड वॉर से भी जुड़ता है. इस कनेक्शन का नाम है- नेताजी सुभाष चंद्र बोस. 

नेताजी से ऐसे जुड़ी है 'फौजी' की कहानी
नेताजी को कांग्रेस के बॉम्बे सेशन के बाद 1932 में ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार किया था. इस अरेस्ट के बाद उन्हें एक जेल से दूसरी जेल में भेजा जाता रहा. उनकी सेहत बिगड़ने लगी तो आखिरकार डॉक्टर्स ने सलाह दी कि नेताजी को स्पेशलाईज्ड ट्रीटमेंट के लिए यूरोप भेज दिया जाए. नेताजी का यूरोप जाना, सिर्फ उनके जीवन ही नहीं, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ. यूरोप में ही उन्होंने अपनी पॉलिटिक्स को मजबूत बनाया और वो कनेक्शन तैयार किए जो अपनी एक आर्मी खड़ी करके, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ने में उनके काम आए. 

पहले पोस्टर में छुपा था नेताजी सुभाष चंद्र बोस से कनेक्शन (Photo: Instagram/@mythriofficial)

इसी आर्मी के साथ नेताजी ने, दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार की तरफ से, एक्सिस पावर्स की तरफ से युद्ध लड़ा था. यहीं उनकी आजाद हिंद फौज के कनेक्शन जापानी सेना से मजबूत हुए थे. ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नेताजी के सशस्त्र आंदोलन में इन घटनाओं का बहुत बड़ा रोल है. 

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इससे कनेक्शन जोड़ें तो 'फौजी' में प्रभास का किरदार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथी का फिक्शनल किरदार हो सकता है. जो उनके साथ ही 1932 से वांटेड है. ये किरदार कुछ डबल एजेंट टाइप हो सकता है क्योंकि 'फौजी' के पहले पोस्टर में एक और लाइन है- 'पाण्डवपक्षे संस्थित कर्णः'. यानी सोचकर देखिए अगर महाभारत में कर्ण, वास्तव में पांडवों की तरफ होते! 

यानी 'फौजी' में प्रभास का किरदार ब्रिटिश सरकार या आर्मी से जुड़ा नजर आ सकता है. लेकिन असल में अंदर से वो भारत की आजादी के लिए लड़ रहा होगा. ये लगभग कुछ वैसा एंगल है जो 'RRR' में राम चरण के किरदार के साथ भी नजर आया था. 

सिर्फ दो पोस्टर्स से ही 'फौजी' एक दिलचस्प फिल्म लगने लगी है. इसकी रिलीज डेट अभी नहीं अनाउंस की गई है. मगर फिल्म के प्लॉट का जो हिंट मिल रहा है, वही जनता में माहौल बनाने के लिए पर्याप्त है. पोस्टर्स से ही पता चलता है कि प्रभास की 'फौजी' 6 भाषाओं में रिलीज होगी. 

डायरेक्टर हनु राघवपुड़ी को ब्लॉकबस्टर फिल्म 'सीता रामम' (2022) के लिए पहचाना जाता है. मगर उससे पहले भी उनकी फिल्में बहुत प्रॉमिसिंग रही हैं. हनु की पहली फिल्म को एस.एस. राजामौली ने प्रोड्यूस किया था. इसलिए उनके हाथ में 'फौजी' का होना फैन्स को भरोसा दिला रहा है कि ये प्रभास को एक दमदार रोल में लेकर आने वाली है. 

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