लॉकडाउन ने जिन एक्टर्स का सबसे ज्यादा भला किया, मलयालम स्टार फहाद फाजिल उनमें से एक हैं. लॉकडाउन के दौरान जब उत्तर भारत और देश की बाकी ऑडियंस ने ओटीटी पर मलयालम फिल्में एक्सप्लोर कीं, तो उन्हें फहाद के बारे में पता चला जो कई सालों से लगातार दमदार काम कर रहे हैं. उनकी इस पॉपुलैरिटी जो सबसे बड़ा बूस्ट तब मिला जब वो अल्लू अर्जुन की गैंगस्टर ड्रामा 'पुष्पा: द राइज' में वो विलेन के रोल में नजर आए. वर्ल्डवाइड 350 करोड़ से ज्यादा कलेक्शन करने वाली इस फिल्म में, खूंखार विलेन रोल में नजर आए फहाद फाजिल को जनता ने बहुत पसंद किया.
अब जल्द ही फहाद 'पुष्पा 2: द रूल' में नजर आने वाले हैं और जनता अल्लू अर्जुन से उनकी भिड़ंत का इंतजार कर रही हैं. मगर अब फहाद ने कुछ ऐसा कहा है जो शायद 'पुष्पा' फिल्म के फैन्स को बहुत पसंद न आए.
'पुष्पा' ने नहीं बनाया पैन-इंडिया स्टार?
फिल्म कम्पेनियन के साथ एक इंटरव्यू में फहाद से पूछा गया कि क्या 'पुष्पा' ने उन्हें पैन इंडिया स्टार बना दिया है? तो फहाद ने जवाब देते हुए कहा, 'नहीं, मुझे नहीं लगता कि पुष्पा ने मेरे लिए कुछ खास किया है. मैं सुकुमार ('पुष्पा' के डायरेक्टर) से भी यही कहता हूं. मुझे इसे छुपाने की कोई जरूरत नहीं है. मुझे ईमानदार तो रहना ही पड़ेगा. मैं यहां बस अपना काम कर रहा हूं. मैं किसी का असम्मान नहीं करना चाहता. लोग 'पुष्पा' के बाद मुझसे जादू की उम्मीद करने लगे हैं... नहीं. ये सुकुमार सर के लिए मेरा प्यार है. मेरा काम यहीं है (मलयालम सिनेमा में). ये बिल्कुल साफ है कि मेरा काम यहीं है.'
फहाद ने आगे कहा कि उनके दोस्त ये कामयाबी उनके सिर पर नहीं चढ़ने देते. उन्हें ये भी यकीन है कि इस दशक की सबसे बड़ी खोज विक्की कौशल हैं.
बॉलीवुड स्टार्स के बारे में ये बोले फहाद फाजिल
फहाद ने बॉलीवुड एक्टर्स के बारे में बात करते हुए कहा, 'विक्की कौशल इस दशक की सबसे बड़ी खोज हैं. राजकुमार राव उन बेहतरीन एक्टर्स में से एक हैं जो भारत में हुए हैं. रणबीर कपूर तो... पूरे देश में सबसे बेहतरीन एक्टर हैं. तो मुझे नहीं पता कि लोग मुझमें क्या देखते हैं.'
फहाद ने इस बात पर हैरानी जताई कि लोग मलयालम फिल्मों को नॉर्थ में भी इस कदर देख रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, 'मैं हैरान होता रहता हूं कि उन्हें इसमें क्या कनेक्शन फील होता है. मुझे अभी भी लगता है कि वो परफॉरमेंस या परफ़ॉर्मर से ज्यादा आर्ट से कनेक्टेड महसूस करते हैं.'
फहाद ने कहा कि इतने सारे नॉन-मलयाली परिवारों का मलयालम सिनेमा देखना उन्हें फैसिनेट करता है. फहाद ने आगे कहा कि वो खुद को कोई 'पैन इंडिया एक्टर' नहीं मानते. उन्होंने कहा, 'मैं बस वो फिल्में करता हूं जिनमें मुझे विश्वास होता है.'