
गांव की पृष्ठभूमि पर बनी पंचायत सीरीज फैंस के दिलों में बसी हुई है. इसका सीजन 4 भी धमाल मचा रहा है. फुलेरा गांव की राजनीति ने लोगों को खूब एंटरटेन किया है. ऐसे में सीरीज के 5वें सीजन के आने की भी पूरी उम्मीद है. लेकिन आज हम आपको यहां पंचायत सीरीज की कहानी नहीं बल्कि इसकी बैकस्टोरी बताएंगे. मतलब इस सीरीज की शूट से जुड़ी डिटेल्स, जो कि बेहद ही खास है.
पंचायत सीरीज में यूं तो बात गांव फुलेरा की होती है. लेकिन असल में जिस गांव में इसकी शूटिंग होती है उस गांव का महोडिया है, जो कि मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पड़ता है. आज इस स्टोरी में हम आपको दिखाएंगे वो तस्वीरें, जहां आप उस गांव का असल हाल देख सकेंगे, जो कि फुलेरा ग्राम पंचायत से बेहद अलग है.
असली है लेकिन दिखता अलग है पंचायत ऑफिस
पहली तस्वीर की बात करते हैं, जो कि उसी ग्राम पंचायत ऑफिस की है, जहां सचिव जी अभिषेक त्रिपाठी काम करते हैं, और रहते भी हैं. सीरीज में इस पंचायत ऑफिस को पीले रंग का, और बेहद सामान्य सा दिखाया गया है. ऑफिस के अंदर के एक मेज-कुर्सी है, बगल में फाइलों की ढेर, वहीं सह-सचिव विकास यादव के बैठने की एक कुर्सी-मेज पर रखा पुराना कम्प्यूटर. इस ऑफिस में सिर्फ दो कमरे हैं, एक से काम होता है तो एक कमरे में सचिव जी का गुजारा होता है.

लेकिन असल तस्वीर इससे कहीं अलहदा है. रियल लाइफ में ये ऑफिस महोडिया ग्राम पंचायत का है, जहां की दीवारें पीली नहीं गुलाबी हैं. अंदर सिर्फ टेबल-कुर्सी नहीं बल्कि बड़ी सी राउंड टेबल है. वहीं सुविधा के लिए कई पंखे और इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगी हैं. सीरीज में इस ऑफिस के एंट्रेंस गेट को भी छोटा और पुराना लकड़ी का दिखाया जाता है, जबकि असल में शूटिंग के लिए इसमें भी बदलाव किया जाता है. असली गेट लोहे का है और अंदर कई रूम हैं. जिस कमरे में सचिव जी रहते हैं, वो एक सुविधा से भरपूर कमरा है, लेकिन जहां उनका किचन दिखाया जाता है वो दरअसल बाथरूम का एरिया है, जिसे शूट के लिए मॉडिफाई किया जाता है. हालांकि टंकी वही है जो दिखाया गया है.


इसके अलावा ऑफिस के बाहर लगे जिस हैंडपंप के पास सचिव जी अक्सर कपड़े धोते दिखते हैं वो भी नकली है. उसे शूट के दौरान ही लगाया जाता है. बाद में निकाल लिया जाता है.

इसके बाद प्रधान जी के घर की बारी आती है. ये असल में महोडिया के प्रधान जी का ही घर है, जिसे 15 दिनों के शूट के लिए किराए पर लिया जाता है. इसकी बनावट भी गांव के हिसाब से थोड़ी मॉडर्न है जिसे मॉडिफाई कर देहाती रंग दिया जाता है. घर का गेट बड़ा है जिसे छोटा दिखाया जाता है. अंदर आने पर भैंस बंधी दिखती है, जो कि असल में नहीं है. हालांकि बाहर का बैठक एरिया वैसा ही है. वहीं जिस जगह घर की रसोई दिखाई जाती है, जहां मंजू देवी कभी-कभी खाना बनाती दिखती हैं, वहां पर क्लीन एरिया है.

इसके अलावा बात करें उप-प्रधान प्रह्लाद चा की तो गांव में उनका घर वैसे का वैसा ही है. वहीं बनराकस यानी भूषण का घर भी उसी तरह का दिखाया गया है. जो बदलाव है वो प्रह्लाद के शहीद बेटे के स्मारक में किया गया है, जो कि पंचायत ऑफिस के सामने एक जगह है, जिसे मॉडिफाई कर लाइब्रेरी बताया जाता है.


पंचायत के आएंगे 10 सीजन
वैसे बता दें, फैंस के लिए बड़ी खुशखबरी भी है. महोडिया पंचायत के प्रधान जी के कर्मचारियों ने बताया कि जब भी शूटिंग होती है, तो पूरी कास्ट वहां से 7 किमी दूर एक होटल में ठहराया जाता है. वहीं मेकर्स ने उनसे पहले ही 10 सीजन तक की बात की हुई है. तो जाहिर है पंचायत सिर्फ सीजन 5 तक रुकने वाला नहीं है, अभी वहां की राजनीति और करवट लेगी, जहां बहुत बदलाव आने वाले हैं.
सीरीज के बाद ये गांव भी बेहद हिट हो चुका है. दूर-दूर से लोग इसे देखने यहां आते हैं.