फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखने वाले वरुण धवन पिछले दिनों मेट्रो की सवारी करते नजर आए थे. हालांकि किसी स्टारकिड्स का यूं मेट्रो या लोकल ट्रेन में सफर करना यूं हजम नहीं होता है. लेकिन वरुण धवन इस मामले में बाकी स्टारकिड्स से काफी अलग हैं.
वरुण ने कही यह बात
अपनी लास्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट जर्नी पर बात करते हुए वरुण कहते हैं, लोगों को लगता होगा कि मैं डेविड धवन का बेटा हूं, तो बचपन से ही पर्सनल कार में घुमता होऊंगा लेकिन सच कुछ और है. पापा तो खुद पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल किया करते थे. उन्होंने हमें कभी गाड़ी दी ही नहीं. मुझे जब कॉलेज जाना होता था, तो मैं सांताक्रूझ से ही ट्रेन पकड़ कर चर्चगेट जाया करता था.
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वरुण आगे कहते हैं, ऑटो तो मेरे लिए हमेशा से सेफ ऑप्शन रहा है. मैं ऑटो में हमेशा अपने दोस्तों के साथ ट्रैवल करता था. गर्लफ्रेंड भी मेरे साथ ऑटो में घुमा करती थी. मैं मानता हूं कि जुहू जैसे एरिया के लिए ऑटो बेस्ट है. एक छोटा सा होता है कि वो कहीं भी कट कर निकाला जा सकता है.
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अपने पापा संग बॉन्डिंग पर वरुण कहते हैं, बचपन में मैं एक गेम का बहुत शौकिन था. पापा हर हफ्ते मेरे लिए वो लेकर आते थे. मुझे याद है, जब मैं बुखार में था, तो पापा उस रोज तीन-तीन जीहाईजो मेरे लिए लेकर आए थे. वो उस दिन इतना घबराए हुए थे, मैं सोचता था कि इतना क्यों परेशान हैं. फीवर ही तो है, ठीक हो जाऊंगा. अब जब मैं बड़ा हो रहा हूं और पापा की तबीयत खराब होती है, तो मैं परेशान हो जाता था. अब मैं पापा के उस एहसास को महसूस कर पाता हूं. मैं अब पैरेंट्स की हेल्थ को लेकर डरा रहता हूं. पिछले दो तीन साल में मुझे समझ आई है कि पैरेंट्स को आखिर बच्चों की इतनी फिक्र क्यों होती है. अब मैं बहुत सेंसिबल हो गया हूं.