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'रंग दे बसंती' की सक्सेस पर प्रोड्यूसर्स को नहीं था भरोसा, सोहा अली खान को फीस लौटानी पड़ी

सोहा अली खान, जो आमिर खान की हिट फिल्म 'रंग दे बसंती' का हिस्सा रहीं, उन्होंने खुलासा किया है कि फिल्म की कास्ट को अपने हिस्से की फीस प्रोड्यूसर्स के पास वापस लौटानी पड़ी थी.

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'रंग दे बसंती' की सक्सेस पर बोलीं सोहा अली खान (Photo: Instagram @sakpataudi, IMDb)
'रंग दे बसंती' की सक्सेस पर बोलीं सोहा अली खान (Photo: Instagram @sakpataudi, IMDb)

सुपरस्टार आमिर खान की मल्टी स्टारर फिल्म 'रंग दे बसंती' अपनी आइकॉनिक फिल्ममेकिंग स्टाइल के लिए जानी जाती है. फिल्म में जिस तरह से डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने कहानी को पर्दे पर उतारा था, वो देखकर हर कोई इंप्रेस हुआ. लेकिन जब इसे शूट किया जा रहा था, तब मेकर्स इसकी सक्सेस पर भरोसा नहीं था.

क्यों 'रंग दे बसंती' पर नहीं था मेकर्स को भरोसा?

हाल ही में सोहा अली खान, जिन्होंने 'रंग दे बसंती' में सोनिया का रोल प्ले किया था, उनका कहना है कि फिल्म ने शुरुआती दिनों में काफी परेशानियां झेली. प्रोड्यूसर्स को इस फिल्म की सक्सेस पर विश्वास नहीं था, जिसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें और फिल्म की बाकी कास्ट को अपनी फीस का कुछ हिस्सा वापस लौटाना पड़ा.

जूम संग बातचीत में सोहा ने कहा, 'किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि फिल्म इतना पैसा कमाएगी या वो लोगों के दिल को उस तरह छू पाएगी जिस तरह उसने छुआ है. बल्कि, जब हम फिल्म प्रमोट कर रहे थे, तब प्रोड्यूसर्स ने हमें बुलाया और कहा कि क्या आप अपनी फीस में से थोड़े पैसे वापस लौटा सकते हैं? क्योंकि हमें भरोसा नहीं कि ये फिल्म अच्छा परफॉर्म करेगी. हम सभी ने अपने पैसे वापस दे दिए थे. हमें लगा कि ठीक है, हो सकता है. लेकिन वो फिल्म एक आंदोलन बनी और वो मेरे करियर का टर्निंग पॉइंट भी साबित हुई.'

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एक साल तक चली 'रंग दे बसंती' की शूटिंग

सोहा ने आगे फिल्म शूट करने और बाकी कास्ट संग काम करने का एक्सपीरियंस भी साझा किया. उन्होंने बताया, 'हमने एक साल तक लगभग पूरे इंडिया जैसे पंजाब, राजस्थान, मुंबई और दिल्ली में फिल्म की शूटिंग की थी. हमारी पूरी कास्ट और क्रू संग अच्छी बॉन्डिंग बन गई थी. हम कभी-कभी घंटे तक सेट पर इंतजार किया करते थे क्योंकि हमारे सिनेमैटोग्राफर बिनोद प्रधान अपना टाइम लेकर, सही से हर शॉट की लाइटिंग सेट करते थे.'

'ये करने में कभी-कभी आधा दिन भी निकल जाता था. तो हमने बहुत वक्त साथ में बिताया है. दोस्ती बनी और उस वक्त हमें ऐसा लगा कि हम हमेशा दोस्त रहेंगे. लेकिन अब ऐसा लगता है कि हमनें कई अरसे से एक-दूसरे से बातचीत नहीं की है, एक ऐसी चीज जिसका एहसास मुझे वक्त के साथ हुआ है.'

 

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