शाहरुख खान के बड़े बेटे आर्यन खान ने अपनी नेटफ्लिक्स सीरीज 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' से इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया. ये बतौर डायरेक्टर आर्यन खान का पहला बॉलीवुड प्रोजेक्ट है. आर्यन को पहले शाहरुख खान के बेटे के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब एक डायरेक्टर के रूप में वो अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. हाल ही में वैराइटी को दिए एक इंटरव्यू में आर्यन खान ने बताया कि कहानी सुनाना उनका जिंदगीभर का पैशन रहा है.
बचपन से आर्यन को था शौक
आर्यन ने कहा, 'बचपन से ही मुझे कहानियां सुनाना पसंद है. मुझे हमेशा लगता था कि मेरे पास कहने के लिए बहुत कुछ है, और मैं इसे एक अलग और रोचक तरीके से कह सकता हूं. मुझे लगता है कि कैमरे के पीछे ज्यादा नियंत्रण होता है. आप इसे ज्यादा एन्जॉय करते हैं. यह कुछ ऐसा है जिसे आप ज्यादा प्यार करते हैं. मुझे लगता है कि अगर आप वह करते हैं जो आपको पसंद है, तो आप हमेशा बेहतर काम करते हैं. यह एक समय के बाद नौकरी नहीं रह जाता. आप हर दिन इसके लिए उत्साहित रहते हैं, और यही आप करना चाहते हैं.'
आर्यन खान ने यह भी बताया कि उनके पिता शाहरुख खान ने उन्हें कम उम्र में ही फिल्ममेकिंग की दुनिया से परिचित कराया था. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता खुद फिल्ममेकिंग के हर पहलू, जैसे कि वीएफएक्स, लाइटिंग, कैमरा वर्क के बारे में बहुत गहराई से जानते हैं. जब मैं छोटा था तब वे मुझे यह दिखाते थे कि तुम्हें असल में गोली नहीं लगती. यह ऐसे होता है. या फिर आप बिना असल में हवाई जहाज उड़ाए उसे आसमान में कैसे दिखाते हैं? यह सब जाहिर सी बात है कि एक बच्चे के लिए जादू जैसा था.'
10 साल की उम्र में किए एक्सपेरिमेंट
इस शुरुआती परिचय ने आर्यन खान के अंदर एक जुनून पैदा कर दिया था. आर्यन ने खुलासा किया कि 10-11 साल की उम्र तक वह iMovie पर वीएफएक्स और फाइनल कट प्रो पर एडिटिंग के साथ एक्सपेरिमेंट कर रहे थे. सिनेमा के प्रति अपने प्यार के बारे में बात करते हुए, आर्यन ने बताया कि कोविड पैनडेमिक के दौरान उनके करीबी दोस्तों और सहयोगियों बिलाल सिद्दीकी और मानव चौहान के साथ रचनात्मक खोज का दौर रहा. उन्होंने कहा, 'हमने कम से कम 15 से 20 शॉर्ट फिल्में बनाईं. कुछ अलग-अलग लोगों के लिए, कुछ उन लोगों के लिए जो फिल्म स्कूल में अप्लाई करना चाहते थे और कुछ उन लोगों के लिए जो एक्टिंग करना चाहते थे.'
कोविड लॉकडाउन के दौरान भी यह तिकड़ी क्रिएटिव बनी रही. आर्यन ने बताया, 'हमने लॉकडाउन में भी एक फिल्म लिखी, जिसे हमने घर पर ही शूट किया, क्योंकि हमारे पास दो साल तक ज्यादा कुछ करने को नहीं था. हमने इसे मेरी बहन (सुहाना खान) और मेरे पिता के साथ शूट किया था. मैं उसमें सिर्फ डीओपी (डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी) था. तो इस तरह हमने शुरुआत की. हम कई अलग-अलग चीजों पर विचार-मंथन कर रहे थे. कहानियों और प्लॉट्स के बारे में सोच रहे थे. फिर हमने सोचा कि हमें इसे ठीक तरीके से और बड़े पैमाने पर करना चाहिए.'
दिलचस्प बात यह है कि शाहरुख खान ने भी एक्टर बनने से पहले फिल्ममेकर बनने का सपना देखा था. लेकिन किस्मत उन्हें एक्टिंग की ओर ले गई. उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया में फिल्म मेकिंग का कोर्स भी शुरू किया था. हालांकि बाद में चीजें बदल गईं और वो एक्टर बन गए. लेकिन ऐसा लगता है कि उनके बेटे आर्यन खान अब वह सपना जी रहे हैं, जो कभी उनके पिता का था.