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पत्नी को मोहरा बनाकर चुनावी मैदान में उतरे खेसारी, पवन सिंह से मोल लिया पंगा, बनेंगे नेता?

बिहार की सियासत में भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव एंट्री लेने के लिए तैयार हैं. वो RJD के लिए छपरा से चुनाव लड़ने के लिए रेडी हो चुके हैं. वो नेता बनेंगे या नहीं, इसका फैसला जनता करेगी. लेकिन उससे पहले उनकी स्ट्रैटेजी पर बात कर लेते हैं.

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चुनावी मैदान में उतरे खेसारी लाल यादव (Photo: FB @khesarilalyadav)
चुनावी मैदान में उतरे खेसारी लाल यादव (Photo: FB @khesarilalyadav)

बिहार विधानसभा चुनाव पर राजनीति तेज हो चुकी है. भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने RJD के लिए छपरा विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया है. जनता उनकी किस्मत में क्या लिखेगी, ये तो इलेक्शन रिजल्ट बताएंगे. लेकिन राजनीति को लेकर खेसारी लाल ने जो दांव-पेंच खेले हैं, उस पर थोड़ी चर्चा कर लेते हैं. 

पत्नी को बनाया मोहरा 
एक ओर पवन सिंह और ज्योति सिंह की शादीशुदा जिंदगी का मुद्दा गरमाया. वहीं दूसरी ओर खेसारी लाल यादव अपनी पत्नी चंदा को आगे ले आए. वो अपनी वाइफ को देवी बताने लगे. करवाचौथ पर पत्नी के साथ खूबसूरत तस्वीरें शेयर कीं. पत्नि के प्रति उनकी मोहब्बत देखकर खेसारी लाल के फैन्स पवन सिंह को कोसने लगे. उनके फैन्स पवन सिंह को पत्नीव्रता खेसारी की मिसाल देने लगे. 

कुछ दिन बाद खेसारी कहते हैं कि वो अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं, लेकिन वो राजी नहीं हो रही हैं. इस बात को महज 24 घंटे हुए थे कि उन्होंने खुद चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. वो बिहार इलेक्शन के लिए छपरा विधानसभा सीट से नामंकन भर चुके हैं. इस दौरान हजारों तादाद में उनके समर्थक जमा हुए. खेसारी का ये फैसला देखकर लगता है कि उन्होंने पत्नी को मोहरा बनाकर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. क्योंकि अगर वो वाकई चंदा को चुनाव लड़वाना चाहते थे, तो फिर वो खुद इलेक्शन में आगे कैसे आ गए. 

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पवन सिंह से क्यों लिया पंगा? 
चुनाव से पहले खेसारी लाल यादव, पवन सिंह के साथ भाईचारा निभाते नहीं थक रहे थे. वो पिछले सारे पुराने गिले-शिकवे मिटाकर पावर स्टार का गुणगान कर रहे थे. लेकिन चुनाव नजदीक आते ही उन्होंने अपनी गेंद ज्योति सिंह के पाले में फेक दी. वो पवन सिंह को अच्छा पति बनने का ज्ञान देने लगे. खेसारी ने पवन सिंह से ज्योति सिंह के लिए न्याय की भी मांग की. 

ये बात इसलिए खटकी, क्योंकि अगर वो वाकई पवन सिंह को बड़ा भाई मानते, तो उनके पारिवारिक मामले पर मीडिया में बयानबाजी नहीं करते. पवन सिंह के खिलाफ बोलकर वो सिर्फ और सिर्फ उनकी छवि बिगाड़ रहे थे. या यूं कहें कि चुनाव के लिए खुद की इमेज बना रहे थे. वरना घर की बातें, घर में होती हैं. 

इतना सब करने के बाद अगर खेसारी लाल यादव चुनाव जीतते हैं, तो उनकी स्ट्रैटेजी की दाद देनी होगी. लेकिन अगर हारे तो यहीं चीजें उनके खिलाफ होने वाली हैं. बाकी राजनीति में एक सेकेंड में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कह सकते. 

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