शाहजहांपुर जिला रुहेलखंड मंडल के दक्षिण पूर्व कोने पर स्थित है. इस जनपद की स्थापना 1813 में हुई थी, इसके पहले यह बरेली जनपद का हिस्सा था. इस जनपद की सीमाएं पूर्व दिशा में लखीमपुर खीरी, दक्षिण में हरदोई और फर्रुखाबाद, पश्चिम में बरेली, बदायूं और उत्तर में पीलीभीत जनपद से मिलती हैं. यह कृषि प्रधान जिला है. इस जिले की मुख्य फसलें गेहूं, धान, गन्ना है.
शाहजहांपुर विधानसभा की नई पहचान बन चुका यहां का हनुमत धाम जो उत्तर भारत की सबसे विशालकाय हनुमान जी की मूर्ति है लेकिन अभी भी शाहजहांपुर जिले की पहचान काकोरी कांड के अमर शहीदों पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ,अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह की जन्मस्थली और कर्म स्थली के रूप में बनी हुई है. यह शहर दो नदियों गर्रा और खनौत के बीच में बसा हुआ है लेकिन 2018 में महानगर बनने के बाद विस्तार को लेकर नई उड़ान भर रहा है.
शाहजहांपुर विधानसभा सीट पर लगातार अपना कब्जा बना चुके बीजेपी विधायक सुरेश कुमार खन्ना यहां 8 बार के विधायक हैं
पुवायां विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक चेतराम, तिलहर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा ,कटरा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक वीर विक्रम सिंह प्रिंस, ददरौल विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मानवेन्द्र सिंह और जलालाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक शरद वीर सिंह हैं. सपा के एमएलसी रिंकू यादव भी इसी जिले से आते हैं.
शाहजहांपुर की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो बाबा साहब की कोठी का जिक्र आता है. जितेंद्र प्रसाद जिनको लोग बाबा साहब भी कहते थे. वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पी वी.नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार भी रहे. साथ ही 1995 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे. उनके बेटे जितिन प्रसाद हैं, जो कांग्रेस से पुराना नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. 2022 के चुनाव से पहले योगी सरकार में जितिन प्रसाद को मंत्री भी बनाया गया.
जितिन प्रसाद शाहजहांपुर, लखीमपुर तथा सीतापुर में काफी लोकप्रिय नेता हैं. जितिन प्रसाद ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दून पब्लिक स्कूल (देहरादून) तथा स्नातक में दिल्ली विश्विवद्यालय से बी.कॉम तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान (दिल्ली) से MBA किया है.
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती की कर्म स्थली भी शाहजहांपुर है. स्वामी चिन्मयानन्द यहां मुमुक्ष आश्रम एवं मुमुक्षु शिक्षा संकुल के अधिष्ठाता हैं.
तिलहर विधानसभा से कई बार विधायक रहने वाले सत्यपाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल रहे, इसके साथ ही 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में शाहजहांपुर जिले से पहले केंद्रीय मंत्री होने का गौरव हासिल किया. इनके स्वर्गवास के बाद इनकी राजनीतिक विरासत इनके बेटों ने संभाली. बड़े बेटे राजेश यादव कटरा विधानसभा के समाजवादी के पूर्व विधायक हैं और छोटे बेटे रिंकू यादव समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य हैं.
शाहजहांपुर जिले में 6 विधानसभा सीटें है. शाहजहांपुर नगर विधानसभा सीट पर कुल मतदाता 389,102 हैं. पुवायां सीट पर 377026, ददरौल सीट पर 351640, जलालाबाद सीट पर 361781, तिलहर सीट पर 350251, कटरा सीट पर 333997 मतदाता हैं.
जिले की 6 विधानसभा सीटों में से भाजपा की झोली में पांच सीटें आई थीं, जबकि एक सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी. इनमें शाहजहांपुर नगर सीट से सुरेश कुमार खन्ना ने लगातार आठवीं बार जीत हासिल की थी.
कटरा सीट से भाजपा के वीर विक्रम सिंह ने 16730 मतों से सपा के राजेश यादव को हराया था. वीर विक्रम सिंह को 76509 वोट मिले थे और सपा के राजेश यादव को 59779 वोट मिले थे.
जलालाबाद सीट से सपा प्रत्याशी शरद वीर सिंह ने भाजपा प्रत्याशी मनोज कश्यप को 9297 मतों से हराया था. शरद वीर सिंह को 75326 वोट मिले थे और मनोज कश्यप को 66029 वोट मिले थे.
तिलहर सीट से भाजपा के रोशन लाल वर्मा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद को 5705 मतों से हराया था. रोशन लाल वर्मा को 81770 वोट मिले थे और जितिन प्रसाद को 76065 वोट मिले थे.
ददरौल सीट से भाजपा के मानवेन्द्र सिंह ने अपने सपा प्रत्याशी राम मूर्ति सिंह वर्मा को 17398 मतों से हराया था. मानवेन्द्र सिंह को 86435 वोट मिले थे और सपा से राममूर्ति वर्मा को 69037 वोट मिले थे.
पुवायां सीट से भाजपा के चेतराम ने सपा प्रत्याशी शकुन्तला देवी को 72417 मतों से हराकर भारी जीत हासिल की थी. चेतराम को 126635 वोट मिले थे और शकुंतला देवी को 54218 वोट मिले थे.
शाहजहांपुर नगर सीट से भाजपा के सुरेश कुमार खन्ना ने सपा के तनवीर खां को 19203 मतों से हराया था. सुरेश कुमार खन्ना को 100734 वोट मिले थे और सपा के तनवीर खां को 81531 वोट मिले थे.
सुरेश कुमार खन्ना का बड़ा सियासी कद है. योगी सरकार में उन्हें अहम मंत्रालय की जिम्मदेरी दी गई. सुरेश कुमार खन्ना का जन्म 6 मार्च 1953 को हुआ था, इनका आवास दीवान जोगराज केरूगंज है. 1989 में पहली बार विधायक बनने के बाद से सुरेश खन्ना का सियासी सफर लगातार ऊंचाईयों को छू रहा है.