उत्तर प्रदेश का एक जिला है जालौन. जालौन जिला झांसी मंडल के तहत आता है. जालौन जिले का प्रशासनिक मुख्यालय उरई में है. बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित यह जिला अपने गौरवशाली इतिहास, ऐतिहासिक किले, पुरातात्विक लिहाज से महत्वपूर्ण स्थलों और हस्तनिर्मित कागज के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. जालौन का 'पंचनद' ऐसा अनूठा स्थान है जहां पांच नदियों का संगम है. यहां यमुना नदी में चंबल, सिंध, कुंवारी और पहुंज नदियां मिलती हैं.
जालौन जिले की पश्चिमी सीमा मध्य प्रदेश से लगती है. ये जिला कुल छह जिलों से घिरा हुआ है. जालौन जिला झांसी संभाग का एक हिस्सा है. जिले का क्षेत्रफल 4,565 वर्ग किमी है और जनसंख्या 2011 की जनगणना के मुताबिक 16 लाख 89 हजार 974 है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
जालौन जिले की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इस जिले में तीन विधानसभा सीटें हैं. यहां से एक सांसद और एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) भी हैं. जालौन में किसी नेता का दबदबा नहीं है. जालौन की सियासत में पार्टी और हवा ही चुनाव का रुख निर्धारित करते हैं. 1996 में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन ने तब जिले की चार सीटें (उस समय कालपी, उरई, माधौगढ़ और कोंच चार विधानसभा सीटें हुआ करती थीं) जीती थीं.
2017 का जनादेश
जालौन की कालपी विधानसभा सीट के लिए 2017 में 46.22 फीसदी वोट पड़े. 2017 में भारतीय जनता पार्टी के कुंवर नरेंद्र पाल सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के छोटे सिंह को 51484 वोट के अंतर से हराया था.
माधौगढ़ विधानसभा सीट के लिए कुल 43.04 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2017 में भारतीय जनता पार्टी के मूलचंद्र सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के गिरीश कुमार को 45985 वोट के अंतर से हराया था.
उरई (सुरक्षित) विधानसभा सीट के लिए कुल 52.98 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2017 में भारतीय जनता पार्टी के गौरी शंकर ने समाजवादी पार्टी के महेंद्र सिंह को 78879 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था.
सामाजिक ताना-बाना
जालौन जिले में कुल करीब 16.9 लाख जनसंख्या है. इसमें पुरुष 9.06 लाख, महिला 7.83 लाख हैं. जनसंख्या वृद्धि की दशकीय दर 16.19 फीसदी है. जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 370 है. यहां औसत साक्षरता दर 73.75 फीसदी, पुरुष साक्षरता दर 83.48 फीसदी है. जालौन जिले में शहरी जनसंख्या 24.79 फीसदी और ग्रामीण जनसंख्या 75.21 फीसदी है.
समस्याएं और मुद्दे
उरई विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो जालौन जिले के उरई सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी और उरई विकास प्राधिकरण के सुचारु संचालन में गतिरोध प्रमुख समस्याएं हैं. शहरी गरीबों की आवास योजना, पशु फैक्टर, जालौन तहसील के वोटरों की क्षेत्रीय अस्मिता, सड़क और बिजली की दशा भी मुख्य मसले हैं.
माधौगढ़ के पंचनद में बांध निर्माण, जालौन बंगरा सड़क को राजमार्ग का दर्जा, माधौगढ़ में बंद पड़ी मिनी सुगर मिल की बहाली, नदी पार के गांवों को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना, अलग-थलग महसूस कर रहे कोंच तहसील के वोटरों को आश्वस्त करना, ठप रहने वाले राजकीय नलकूपों का नियमित संचालन, विद्युत व्यवस्था में सुधार प्रमुख मसले हैं.
कालपी विधानसभा की बात करें तो सिंचाई की सुचारु सुविधा, कालपी को राष्ट्रीय पर्यटन क्षेत्र का दर्जा आदि इस इलाके के प्रमुख मुद्दे हैं. जालौन की हर विधानसभा सीट पर बेरोजगारी, गंदगी, पानी, सीवर जाम की समस्याएं आम हैं. आम जनमानस की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है.
प्रमुख राजनीतिक गतिविधियां
जालौन के मुख्यालय उरई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 26 दिसंबर को जनविश्वास यात्रा लेकर आये थे जहां काफी बड़ी तादात में समर्थक उन्हें देखने के लिए पहुंचे थे. इसके पहले सपा के राष्ट्रीय अध्य्क्ष अखिलेश यादव जालौन के कालपी विधानसभा में आये थे और विजय रथ के दौरान उन्होंने शक्ति प्रदर्शन किया था.