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Karnataka Polls: कर्नाटक में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी, कुल 2613 प्रत्याशी मैदान में

विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिया है. बीजेपी से 224 उम्मीदवार हैं, तो वहीं कांग्रेस से 223 और आम आदमी पार्टी से 209 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शामिल उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी हो गई है. विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिया है. बीजेपी से 224 उम्मीदवार हैं, तो वहीं कांग्रेस से 223 और आम आदमी पार्टी से 209 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके अलावा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय/राज्यीय दल बसपा से 133, सीपीआईएम से 4, जेडीएस से 207, एनपीपी से 2, पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल से 693 और निर्दलीय से 918 उम्मीदवार हैं. इस तरह कुल 2613 प्रत्याशी मैदान में हैं.

'मुट्ठीभर लोगों के लिए लेकर आए GST, हम सत्ता में आए तो बदल देंगे'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सोमवार से कर्नाटक के दो दिवसीय चुनावी दौरे पर हैं. उन्होंने यहां बेलगावी के रामदुर्ग में गन्ना किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का पूरा ध्यान एक या दो उद्योगपतियों पर है जबकि किसानों की अनदेखी की जा रही है.

राहुल गांधी ने कहा कि आज अडानी और अंबानी पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्हें बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है और बड़ी आसानी से उनके लोन माफ भी कर दिए जाते हैं. लेकिन गरीब किसानों के साथ ऐसा नहीं होता. इसलिए देश में समानता जरूरी है. अगर आप बड़े उद्योगपतियों के बैंक लोन माफ करते हैं, तो किसानों का कर्ज भी माफ करना होगा.

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धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक, कर्नाटक में अमित शाह ने दिए बड़े संकेत
कर्नाटक के हासन में एक चुनावी रैली में गृह मंत्री अमित शाह जेडीएस और कांग्रेस पर जमकर बरसे. शाह ने कहा, 'धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और हमने 4% मुस्लिम आरक्षण पर जो कुछ भी कहा है, हम उसे जमीन पर लागू करेंगे. कांग्रेस को इस पर अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए.'

उन्होंने रैली के दौरान कहा, 'जेडीएस परिवारवाद वाली पार्टी हैं और सत्ता के लिए कंग्रेस से गठजोड़ करती है.' गृह मंत्री शाह ने कहा, 'हमारे दो लिंगायत नेताओं के शामिल होने से कांग्रेस थोड़ी खुश है, लेकिन कांग्रेस को लिंगायतों के लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं है. कर्नाटक के इतिहास में उन्होंने केवल दो बार राज्य में लिंगायत नेतृत्व को मौका दिया है और दोनों ही अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. अतीत में एक मुख्यमंत्री को इंदिरा गांधी ने और दूसरे को राजीव गांधी ने हटा दिया था.'
 

 

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