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Assembly election voting: कोरोना संक्रमित लोग कैसे देंगे अपना मतदान? EC ने निकाला ये आसान उपाय

देश में 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में कुछ लोग कोविड संक्रमित होंगे और इसलिए, एक सवाल उठता है कि जो लोग क्वारंटाइन हैं वे अपना वोट कैसे देंगे? ऐसे में पोस्टल बैलेट की सुविधा उन लोगों को उपलब्ध होगी.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना संक्रमित लोग भी दे सकेंगे वोट
  • चुनाव आयोग ने कोरोना को लेकर भी की तैयारियां

चुनाव आयोग (ईसी) ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की. चुनाव इस साल फरवरी और मार्च में होंगे. देश में बढ़ते कोविड -19 मामलों पर चिंताओं के बीच, चुनाव आयोग ने कहा कि हमारा "पहला और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य" एक "कोविड-सुरक्षित चुनाव" है.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि इसके लिए बहुत सारी योजना सावधानीपूर्वक तैयारी की गई है. साथ ही क्योंकि कुछ लोग कोविड संक्रमित होंगे और इसलिए, एक सवाल उठता है कि जो लोग क्वारंटाइन हैं वे अपना वोट कैसे देंगे? ऐसे में पोस्टल बैलेट की सुविधा उन लोगों को उपलब्ध होगी.

पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करेंगे कोविड मरीज

कोविड संक्रमित या संदिग्ध के घर चुनाव आयोग की टीम जाएगी और पीड़ित व्यक्ति से वहीं वोट कराएगी. इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.

ऐसे मतदाता चुनाव अधिकारी को डाक द्वारा, इलेक्ट्रॉनिक रूप से या हाथ से अपना मतपत्र दे सकेंगे. यह सुविधा विधानसभा चुनाव के दौरान कोविड प्रभावित लोगों के साथ-साथ 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग लोगों के लिए उपलब्ध होगी.
 
कोरोना सुरक्षित चुनाव

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इसके अलावा, चुनाव आयोग ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर मास्क और सैनिटाइज़र उपलब्ध होंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदान 'कोविड-सुरक्षित' तरीके से हो. चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए मतदान कर्मियों और मतदाताओं दोनों के टीकाकरण पर भरोसा कर रहा है कि चुनाव के परिणामस्वरूप कोविड -19 मामलों में वृद्धि न हो.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि उन्होंने चुनाव वाले राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि वे 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों के टीकाकरण में तेजी लाएं और यह सुनिश्चित करें कि सभी चुनाव अधिकारियों को बूस्टर खुराक दी जाए, जिन्हें फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के रूप में नामित किया गया है.

उन्होंने कहा कि चुनाव वाले राज्यों में आयोग के हस्तक्षेप के बाद टीकाकरण कवरेज में सुधार हुआ है. इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि वे प्रत्येक मतगणना केंद्र के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें ताकि कोविड -19 दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके.

 

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