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अमित शाह का मिशन टू-थर्ड... जानें बिहार चुनाव के लिए 60 दिन का मास्टर प्लान क्या है?

पटना से लेकर डेहरी ऑन सोन और बेगूसराय तक दो बड़ी बैठकों में अमित शाह ने मिशन टू–थर्ड का मंत्र दिया. कार्यकर्ताओं को अगले 60 दिनों का प्लान सौंपते हुए उन्होंने हर घर तक पहुंचने और एनडीए को मजबूत बनाने का संदेश दिया.

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अमित शाह बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. (Photo- PTI)
अमित शाह बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. (Photo- PTI)

बिहार चुनाव का बिगुल बजने से पहले बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संगठन की दो महत्वपूर्ण बैठकों से अपना चुनावी प्लान एक्टिवेट कर दिया है. अमित शाह ने 18 सितंबर को डेहरी ऑन सोन और बेगूसराय में बीजेपी की क्षेत्रीय बैठकों में शिरकत की. शाह ने बीजेपी संगठन से जुड़े नेताओं और पदाधिकारियों के सामने मिशन टू-थर्ड को एक्टिवेट कर दिया. इतना ही नहीं अमित शाह ने बीजेपी के संगठनकर्मियों के लिए अगले 60 दिन का प्लान भी सामने रख दिया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 17 सितंबर की देर शाम ही पटना पहुंच गए थे. पटना पहुंचने के साथ ही उन्होंने सबसे पहले बिहार में पार्टी की कमान संभाल रहे नेताओं से एक छोटी फीडबैक मीटिंग की. बीजेपी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि अमित शाह ने 40 मिनट की इस पहली मीटिंग में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चल रही पार्टी की तैयारी के बारे में जानकारी ली.

नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार की एंटी इंकम्बेंसी की चुनौती को भी शाह ने समझा. साथ ही साथ पिछले कुछ अरसे बिहार सरकार की तरफ लिए गए लोकलुभावन फैसलों का जमीन पर कितना असर हुआ है इस बात की भी चर्चा की. माना जा रहा है कि इस पहली फीडबैक मीटिंग के बाद शाह ने डेहरी ऑन सोन पहुंचने से पहले ही चुनावी मिशन को लेकर तैयारी कर ली थी.

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गुरुवार की सुबह अमित शाह की मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई. नीतीश अपने सहयोगी संजय झा और विजय कुमार चौधरी के साथ उस होटल पहुंचे जहां अमित शाह ठहरे हुए थे. दोनों नेताओं के बीच तकरीबन 20 मिनट तक औपचारिक बातचीत हुई. अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि इस मुलाकात के दौरान सीट शेयरिंग को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई.

अमित शाह ने नीतीश कुमार की मौजूदगी में अपनी पार्टी और जदयू के नेताओं को यह मैसेज दे दिया कि इस बार विधानसभा चुनाव में घटक दलों के नेताओं का अलग-अलग प्रचार अभियान नहीं होगा. जेडीयू सूत्रों के मुताबिक शाह ने एनडीए का साझा चुनाव प्रचार अभियान प्लान बनाने के लिए निर्देश भी दिया. साथ ही यह भी कह दिया कि अभी से सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए एनडीए के किन नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारने की जरूरत है, उसका होमवर्क शुरू कर दिया जाए. हर विधानसभा सीट पर सामाजिक समीकरण का ध्यान रखते हुए नेताओं का चुनाव प्रचार कार्यक्रम तय किया जाएगा.

डेहरी ऑन सोन की बड़ी बैठक

नीतीश से मुलाकात खत्म होने के बाद अमित शाह डेहरी ऑन सोन के लिए रवाना हो गए. डेहरी ऑन सोन में पहली क्षेत्रीय बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक में शाहाबाद और मगध के कुल 10 जिलों के संगठनकर्मियों को बुलाया गया था. सांगठनिक जिले रोहतास, कैमूर, आरा, बक्सर, गया पूर्वी, गया पश्चिमी, नवादा, जहानाबाद, अरवल और औरंगाबाद से आने वाले बीजेपी के सांसद, विधायक, विधानपार्षद, मेयर, उप मेयर, जिला पार्षद, पार्टी जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष और केन्द्र से लेकर प्रखंड स्तर के लगभग 2400 कार्यकर्ता शामिल हुए.

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अमित शाह ने पहली क्षेत्रीय बैठक के दौरान अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को सुनिश्चित बताया. शाह ने खुले मंच से ऐलान किया कि असल चुनौती दो तिहाई बहुमत से एनडीए को जीत दिलाने की है. बीजेपी के संगठनकर्मियों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने मिशन टू–थर्ड को एक्टिवेट कर दिया. अमित शाह ने यह बात बार-बार दोहराई कि बीजेपी अगर मजबूत होगी तो एनडीए मजबूत होगी और अगर एनडीए मजबूत हुआ तो बिहार मजबूत होगा.

बीजेपी कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भरते हुए अमित शाह को शायद इस बात का अंदाजा था कि नीतीश सरकार के खिलाफ जो एंटी इंकम्बेंसी का जोखिम है उसका तोड़ केवल और केवल उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ही निकाल सकते हैं. शाह ने अपने कार्यकर्ताओं को हर घर तक पहुंचने का मैसेज दिया. उन्होंने इस बात की मिसाल भी दी कि 24 साल से नरेंद्र मोदी ने राज्य और केंद्र सरकार में शासन किया है और उनके शासन में विकास सबसे बड़ा फैक्टर रहा है. अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाने और केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से बिहार के लिए किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा बताने का टास्क दिया.

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बेगूसराय की मीटिंग और आगे की रणनीति

इसके साथ ही अमित शाह ने अगले 60 दिनों के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं के सामने चुनावी प्लान दे दिया. डेहरी ऑन सोन में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह यह याद दिलाने से नहीं चुके कि शाहाबाद के इलाके में एनडीए का प्रदर्शन पिछले चुनावों में कितना खराब रहा है. शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को इसे एक चुनौती के तौर पर लेने के लिए कहा. इतना ही नहीं अमित शाह ने राजनीतिक विरोधियों के ऊपर चुन-चुन कर निशाना साधा. राहुल गांधी की वोटर बचाओ यात्रा को शाह ने घुसपैठिया बचाओ यात्रा करार दिया. कांग्रेस के साथ-साथ आरजेडी भी शाह के निशाने पर रही. अमित शाह ने तेजस्वी यादव को भी चुनौती दे डाली.

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डेहरी ऑन सोन में 10 जिलों के बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुनावी मिशन देने के बाद अमित शाह बेगूसराय पहुंचे. बेगूसराय में बीजेपी के सांगठनिक जिलों पटना ग्रामीण, पटना महानगर, बाढ़, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया और बेगूसराय के कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई गई थी. अमित शाह ने पटना और मुंगेर प्रमंडल के इन जिलों में चुनावी चुनौतियों की चर्चा की लेकिन भरोसा अपने कार्यकर्ताओं पर ही जताया. दो क्षेत्रीय बैठकों के बाद अमित शाह वापस लौट गए.

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अब 27 सितम्बर को शाह जब फिर से बिहार आयेंगे तो तीन अन्य क्षेत्रीय बैठकों में शामिल होंगे. जाहिर है बिहार में चुनाव की घोषणा होने के पहले शाह बीजेपी कार्यकर्ताओं को चार्ज कर रहे हैं. उन्हें चुनावी प्लान बता रहे हैं और साथ ही साथ यह भी मैसेज दे रहे हैं कि बिहार में उसी तरह की सफलता दोहराई जा सकती है जैसा छत्तीसगढ़ और हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं के दम पर कर दिखाया था.

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