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कांग्रेस से स्टार प्रचारकों की लिस्ट में ऐसे नाम, जिनके कहने पर उनकी पत्नी भी वोट नहीं देगी-मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा, " अगर कोई मुझे  स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं करना चाहता तो ये उनका उत्तरदायित्व है मेरा नहीं है. उस सूची में कई ऐसे लोग हैं, जिनके कहने पर उनकी पत्नी भी वोट नहीं देगी. वैसे ये बाद दूसरी है कि आज कल पत्नियां किसी के कहने पर वोट नहीं डालतीं"

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Congress leader manish Tiwari
Congress leader manish Tiwari
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह से हमारे पारिवारिक संबंध हैं
  • अमरिंदर सिंह किसी के इशारे पर चल रहे थे यह कहना बहुत ही बचकाना

Panchayat Aaj Tak Punjab: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. यहां 20 फरवरी को वोटिंग होनी है. इसी बीच मंगलवार को चंडीगढ़ में 'पंचायत आजतक' कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में श्‍वेता सिंह से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक बड़ा बयान दिया है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कई ऐसे नाम हैं, जिनके कहने पर उनकी पत्नी भी वोट नहीं देगी. 

कार्यक्रम के दौरान जब मनीष तिवारी से पूछा गया कि क्या अमरिंदर सिंह के करीब होने की वजह से आपको कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं शामिल किया गया? तो इसपर मनीष तिवारी ने कहा, " दिखिए बार-बार घूम फिर कर बात इसी पर आ जाती है. मैं इस बारे में सार्वजनिक तौर पर कई बार बोल चुका हूं. अगर आप दोबारा बुलवाना चाहते हैं तो फिर बोल देता हूं. अगस्त 2020 में जब हम लोगों ने खत लिखा था कि कुछ सुधारों की जरूरत है. तब से एक तनाव है. उनके बाद ये कैप्टन अमरिंदर सिंह जी वाला वाकया हो गया. कई लोगों का कांग्रेस पार्टी में मानना है कि मेरी अमरिंदर सिंह से नज़दीकियां है और वो है भी. कई लोगों कि उम्मीद थी कि उनके कैबिनेट के साथियों की तरह मैं भी अमरिंदर सिंह को गलियां दूं. तो वो मेरा किरदार नहीं है."  

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर कोई मुझे  स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं करना चाहता तो ये उनका उत्तरदायित्व है मेरा नहीं है. मनीष ने कहा, "मैं तो हंस के अपने साथियों से कहता हूं कि अगर अप इस बात का बुरा ना मानें तो उस सूची में कई ऐसे लोग हैं, जिनके कहने पर उनकी पत्नी भी वोट नहीं देगी. वैसे ये बाद दूसरी है कि आज कल पत्नियां किसी के कहने पर वोट नहीं डालतीं" 

अमरिंदर सिंह के बारे में उन्होंने कहा, " कैप्टन अमरिंदर सिंह से हमारे पारिवारिक संबंध हैं. आज से नहीं पिछले 50 साल से है. जब विभाजन के बाद पंजाब की संरचना हुई और पटियाला ईस्ट पंजाब स्टेट यूनियन (PEPSU) बना और दूसरा सूबा ब्रिटिश पंजाब का हुआ करता था. तब मेरे नाना जी पहली सरकार में वजीर थे. जिसमें महाराजा यादवेन्द्र सिंह राज प्रमुख हुआ करते थे. तब पंजाब में एक बहुत बड़ी प्रजामंडल की मुहीम चली थी. इन सब लोगों ने महाराजा यादवेन्द्र सिंह के खिलाफ संघर्ष किया था और जेल भी गए थे. लेकिन आज़ादी के बाद ये कड़वाहट उन्होंने अपनी सियासत में नहीं आने दी. इसीलिए अमरिंदर सिंह साढ़े चार साल कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे. उससे पहले भी पांच साल मुख्यमंत्री थे. ये कहना कि वह किसी के इशारे पर सरकार चला रहे थे. बहुत ही बचकाना है." 

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