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लगातार 8वीं बार जीत से फुल कॉन्फिडेंस में शिवराज सरकार के मंत्री, बोले- अब PM की कुर्सी पर नजर

MP Election Result: हरसूद से लगातार 8 बार जीत का मंत्र पूछने पर विजय शाह ने अपनी अंगुली में कछुए की आकार की रत्नजड़ित अंगूठी दिखाते हुए कहा कि वे राजनीति की इस दौड़ में खरगोश नहीं, बल्कि कछुए की चाल से चलते हैं. कछुआ भले धीरे ही सही, मंजिल तक ज़रूर पहुंचता है.

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हरसूद से 8वीं बार चुनाव जीते विजय शाह.
हरसूद से 8वीं बार चुनाव जीते विजय शाह.

वैसे हर नेता की ख्वाहिश होती है मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने की.... तो 8  बार से लगातार हरसूद सीट से विधायक बनने वाले विजय शाह ने प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा जाहिर कर ही दी तो उसमें क्या गलत है? दरअसल, एमपी की बीजेपी सरकार में मंत्री रहने वाले शाह हरसूद ने अपने 33 साल के राजनैतिक सफर की सबसे प्रचण्ड जीत हासिल की है. 60 हजार मतों से ज़्यादा अंतर की यह फतह कुल मतों का 64.32 % है. इतनी बड़ी जीत से उत्साहित होना स्वाभाविक ही है. 

खंडवा जिले के आदिवासी बहुल अंचल हरसूद से विजय शाह साल 1990 में पहली बार मात्र 28 वर्ष की उम्र में पहली बार भाजपा से यहां विधायक चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने अपना ऐसा जादू दिखाया कि एक के बाद एक लगातार आठ विधानसभा चुनाव वे सतत जीतते रहे. यह क्षेत्र न केवल भाजपा बल्कि उनकी निजी लोकप्रियता का भी गढ़ बन गया. इस बीच कांग्रेस ने यहां सेंध लगाने की हरसंभव कोशिश की लेकिन हर बार उसे नाकामी हासिल हुईं. 

खास बात यह है कि अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित इस विधानसभा क्षेत्र में कोरकू आदिवासी की जनसंख्या ज्यादा है जबकि विजय शाह मकड़ाई राजवंश के गोंड परिवार से आते है, तब भी उन्होंने कोरकू समुदाय में अपनी गहरी पैठ बना ली है. इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी सुखराम साल्वे ने कोशिश भी की कि कोरकू समुदाय को एकजुट किया जाए, लेकिन वे इसमें पूरी तरह असफ़ल रहे. यहां कुल मतदान 1,80,666 मतों का हुआ था जिसमे से विजय शाह को 1,16,220 मत मिले जो कुल मतों का 64.32 % है.

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हरसूद में गहरी जम चुकी हैं जड़ें 

मध्यप्रदेश में अनेक मंत्री चुनाव हारे हैं, कांग्रेस के भी कई दिग्गजों को मतदाताओं ने नकार दिया है. लगातार एक ही व्यक्ति के प्रतिनिधि चुने जाने से चेहरों के प्रति जहां ऊब भी उनकी हार की वजह बनी है. भाजपा ने खंडवा जिले में ही दो विधानसभा क्षेत्रों खंडवा और पंधाना से अपने सिटिंग MLA को पुनः टिकट इसलिए नहीं दिया कि उन्हें आशंका थी कि कहीं जनता उन्हें नकार न दे ,ऐसे में किसी व्यक्ति का लगातार आठ बार चुनकर आना यक़ीनन बड़ी उपलब्धि है. जीत के आंकड़े में लगातार वृद्धि भी यही संकेत करती है कि उनकी जड़ें हरसूद में गहरी जम चुकी हैं. 

कछुए का उदाहरण दिया

जब aajtak ने जीत का मंत्र पूछा तो विजय शाह ने अपनी अंगुली में कछुए की आकार की रत्नजड़ित अंगूठी दिखाते हुए कहा कि वे राजनीति की इस दौड़ में खरगोश नहीं, बल्कि कछुए की चाल से चलते हैं. कछुआ भले धीरे ही सही, मंजिल तक ज़रूर पहुंचता है.

अगला सवाल था, "क्या कछुए की मंजिल मुख्यमंत्री की कुर्सी है तो विजय शाह मुस्कुराये और अटल जी, कलाम साहब को याद करते हुए बोले कि सपने बड़े ही होना चाहिये... क्या सपना प्रधानमंत्री का? उन्होंने कहा- हां, प्रधानमंत्री ही बनेंगे... देखें Video:-

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