दिल्ली की उत्तर पश्चिमी सीट से टिकट कटते ही बीजेपी सांसद उदित राज ने बागी तेवर अख्तियार किया, लेकिन कुछ ही घंटे के भीतर उनके सुर नरम पड़ गए. टिकट कटने की आशंका के बीच उदित राज ने सुबह लगभग 11 बजे ट्विटर पर अपने नाम में से चौकीदार हटा लिया, लेकिन शाम 4 बजे के करीब उन्होंने फिर से अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ लिया. माना जा रहा कि पार्टी हाईकमान के रुख को देखते हुए उन्होंने अपना इरादा बदल दिया. इसकी झलक दोपहर में उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी देखने को मिली.
दोपहर में उत्तर पश्चिमी सीट से सूफी सिंगर हंस राज हंस के नाम का ऐलान होते ही उदित राज ने अपने ट्विटर हैंडल में नाम के आगे से चौकीदार हटा लिया था. इससे पहले जब पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लगाया तो सभी बीजेपी नेताओं के साथ-साथ समर्थकों में भी नाम के आगे चौकीदार लगाने की होड़ मच गई थी.
फिर से बने चौकीदार
पिछले कई दिनों से उदित राज को टिकट मिलने पर संशय था. बीजेपी ने दिल्ली की 7 में से 6 सीटों पर टिकट का ऐलान कर दिया, लेकिन अंतिम वक्त तक उदित राज की सीट पर पत्ते नहीं खोले. अब नामांकन की समय सीमा खत्म होने से कुछ घंटे पहले बीजेपी ने जैसे ही हंस राज हंस के नाम का ऐलान किया, वैसे ही उदित राज ने ट्विटर पर अपना नाम बदल लिया. अब वे फिर से डॉक्टर उदित राज हो गए हैं.
इससे पहले सुबह ही उन्होंने बीजेपी को खुली धमकी दी थी कि अगर अगर बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो वे पार्टी छोड़ देंगे. इसके साथ ही वे आज ही नामांकन फॉर्म भरेंगे. उन्होंने कहा कि मैं किस पार्टी में जाऊंगा, इसका खुलासा बाद में करूंगा.I am waiting for ticket if not given to me I will do good bye to party
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) April 23, 2019
आज तक से बातचीत में उदित राज ने कहा था कि पार्टी मुझे छोड़ रही है. देशभर में मेरा संगठन है, मैं दलित चेहरा हूं. अरविंद केजरीवाल ने मुझे पहले ही आगाह करते हुए बता दिया था कि बीजेपी मुझे टिकट नहीं देगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी एक बार संसद में कहा था कि आप गलत पार्टी में हैं.

उन्होंने कहा कि मैं किस पार्टी में जाऊंगा, इसका बाद में खुलासा करूंगा. अभी मैंने अपने समर्थकों को बुलाया है. माना जा रहा कि उदित राज अब बीजेपी छोड़ सकते हैं.
अपना टिकट कटने की आशंका के चलते ही उदित राज ने अपनी पार्टी से उम्मीदवारी को लेकर संशय समाप्त करने को कहा था. पार्टी की ओर से कोई संकेत न मिलने पर उदित रज ने साफ कर दिया है कि पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह बीजेपी को अलविदा कह देंगे.
अपनी इंडियन जस्टिस पार्टी का बीजेपी में विलय करने वाले उदित राज का राजनीतिक जीवन काफी दिलचस्प रहा है. उत्तर प्रदेश के रामनगर में जन्मे उदित राज ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्थित JNU से पढ़ाई पूरी की है. अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के अधिकारों को लेकर सक्रिय रहने वाले उदित राज कॉलेज के समय से ही मुखर रहे हैं.
उदित राज 1988 में भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुने गए और दिल्ली में आयकर विभाग में उपायुक्त, संयुक्त और अतिरिक्त उपायुक्त के पदों पर अपनी सेवाएं दीं. हिंदू धर्म की जाति व्यवस्था के आलोचक उदित राज ने 2001 में बौद्ध धर्म स्वीकार किया था. अपनी राजनीतिक सोच को मूर्त रूप देने के लिए 24 नवंबर 2003 को सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर उन्होंने इंडियन जस्टिस पार्टी का गठन किया था.
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